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हल्द्वानी। बाल संप्रेक्षण गृह हल्द्वानी में रहने वाली एक किशोरी ने आजादी की चाह में संप्रेक्षण गृह की अनुसेवक और होमगार्ड पर दुष्कर्म के झूठे आरोप लगाए थे। पुलिस की जांच रिपोर्ट में किशोरी के आरोप पूरी तरह मनगढ़ंत पाए गए हैं। इसके बाद पुलिस के जांच अधिकारी ने मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दी है।
ऊधमसिंहनगर जिले की रहने वाली 15 वर्षीय इस किशोरी को आठ नवंबर को राजकीय महिला कल्याण एवं पुनर्वास केंद्र के बाल संप्रेक्षण गृह लाया गया था। 17 नवंबर, 27 नवंबर और फिर 12 दिसंबर को किशोरी को केंद्र से बाहर उपचार के लिए ले जाया गया। एक बार वह महिला अस्पताल ले जाई गई और दो बार डाॅ सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय। 15 दिसंबर को एक न्यायिक अधिकारी ने बाल संप्रेक्षण गृह का निरीक्षण किया। इस दौरान 15 वर्षीय किशोरी ने न्यायिक अधिकारी को बताया कि संस्थान की अनुसेवक दीपा व होमगार्ड गंगा उसे बाहर ले जाती हैं। जहां उसके साथ मारपीट व दुष्कर्म होता है। न्यायिक अधिकारी ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को जांच कर प्राथमिकी कराने के निर्देश दिए। इसके बाद सीडब्ल्यूसी के सदस्य रविंद्र रौतेला ने दीपा और गंगा के खिलाफ तहरीर दी। पुलिस ने दोनों के विरुद्ध दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच एसआई ज्योति कोरंगा को सौंपी दी। इस मामले की 13 दिन जांच चली और पुलिस के हाथ ऐसा कोई सुबूत नहीं लगा, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि किशोरी सच बोल रही है।

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