6 को अगली सुनवाई; तहखाने में वापस लाई गई 8 खंडित मूर्तियां
वाराणसी। ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा पाठ पर रोक लगाने से इलाहबाद हाइकोर्ट ने इंकार कर दिया है। मुस्लिम पक्ष की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एडवोकेट जनरल को ला एड आर्डर मेनटेन रखने के निर्देश दिए है।
मामले पर अगली सुनवाई 6 फरवरी को होगी। इससे पहले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने व्यास तहखाने में पूजा-पाठ रोकने से जुड़ी याचिका पर तत्काल सुनवाई से इन्कार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को पहले हाइकोर्ट जाने का सुझाव दिया था। शुक्रवार को हाइकोर्ट में दोनों पक्षों की बहस हुई। इसके बाद बैंच ने राज्य सरकार से वाराणसी की स्थिति के बारे मे जानकारी ली। सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट को बताया की वाराणसी कोर्ट ने 7 दिन में पूजा की व्यवस्था तहखाने में करने का निर्देश दिया था। हालाकि, डीएम ने महज 7 घण्टे में पूजा की प्रक्रिया शुरू करा दी। इससे वहां अफरातफरी मच गई। हाइकोर्ट ने हिंदू पक्ष से पुछा कि पूजा के लिए अभी एप्लीकेशन डालने की जरूरत क्या थी? हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कहा ए.एस.आई. के सर्वे में तहखाने का दरवाजा नहीं मिला। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से पूछा कि तहखाने का दरवाजा कहा गया? वहीं ट्रेजरी से तहखाने में 8 खंडित मूर्तियां वापस लाई गई है। ए.एस.आई. के सर्वे के दौरान शिव, हनुमान, लक्ष्मी व गणेश जी की मूर्तियां सर्वे के दौरान मिली थी। दस में से 8 मूर्तियां ट्रेजरी से वापस तहखाने पहुंचाई गई है। डीएम की कस्टडी में साक्ष्य के लिए उक्त मूर्तियां रखी गई है।
मुस्लिम पक्ष का बंद का आह्वान, 1700 नमाजी ज्ञानवापी पहुचें
तहखाने में पूजा-पाठ शुरू होने से नाराज मुस्लिम पक्ष ने शुक्रवार को जुमे पर वाराणसी बंद का आह्वान किया था, जिसके बाद 1700 लोग नमाज पढ़ने ज्ञानवापी पहुंच गए। जबकि समान्य तौर पर यहाँ 300 से 500 लोग ही पहुचते थे। अंदर परिसर फुल होने के बाद पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के चलते नमाजियों को बाहर ही रोक दिया। वहीं अंजुमन इंतजामिया कमेटी के ज्वाइंट सेक्रेट्री मौ. यासीन भी ज्ञानवापी पहुचें। यासीन ने कहा कि मेरी कोई नाराजगी नहीं है, मैं हाथ जोड़ता हूं, नमाज़ का वक्त है, जाने दीजिए।