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हल्द्वानी: दमुवाढूंगा क्षेत्र के लोगों की भूमिधरी अधिकारों को लेकर अंबेडकर विद्यालय, दमुवाढूंगा में एक महापंचायत का आयोजन किया गया। इस महापंचायत का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रवासियों को उनके भूमिधरी अधिकारों को दिलाने के लिए आवाज उठाना था।
महापंचायत के संयोजक एडवोकेट गोविंद सिंह बिष्ट ने सभा को संबोधित करते हुए बताया कि वर्ष 2016 में दमुवाढूंगा जवाहर ज्योति क्षेत्र को राजस्व क्षेत्र घोषित किया गया था, और इसके कब्जेदारों को असंक्रमणीय अधिकार वाले भूमिधर घोषित किया गया था। इसके तहत, 10 वर्ष के बाद इन क्षेत्रवासियों को स्वचालित रूप से संक्रमणीय अधिकार मिल जाने थे, जिससे वे अपनी भूमि के विक्रय का अधिकार प्राप्त कर सकेंगे। लेकिन 9 साल बाद भी यह अधिकार नहीं दिए गए हैं।
अधिसूचना जारी होने के बावजूद, क्षेत्रवासियों को भूमिधरी अधिकार न मिलने के कारण वे नगर निगम के तीन वार्डों (35, 36, 37) में निर्माण कार्य हेतु नक्शा भी नहीं बना पा रहे हैं। यह स्थिति क्षेत्रवासियों के लिए भारी परेशानी का कारण बन रही है।
महापंचायत में सभी ने एकजुट होकर यह निर्णय लिया कि जब तक सरकार क्षेत्रवासियों को भूमिधरी अधिकार नहीं प्रदान करती, तब तक क्षेत्र में प्राधिकरण को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। क्योंकि, भूमिधरी अधिकार न मिलने के कारण लोग प्राधिकरण की शर्तों का पालन नहीं कर पा रहे हैं और अपने भवनों के नक्शे नहीं बना पा रहे हैं।
महापंचायत में यह भी निर्णय लिया गया कि अगर सरकार 20 दिनों के अंदर विहित प्रक्रिया शुरू कर क्षेत्रवासियों को भूमिधरी अधिकार नहीं देती, तो क्षेत्रीय जनता के साथ मिलकर व्यापक आंदोलन किया जाएगा।
महापंचायत में प्रमुख रूप से एडवोकेट गोविंद सिंह बिष्ट, हरीश लाल वैध, विजय कुमार पप्पू, कृष्णा कोहली, कैलाश चंद्र, जी. आर. टम्टा, महेशानंद, लाल सिंह पवार, चंदन भकुनी, गणेश टम्टा, बबलू बिष्ट, पान सिंह नेगी, अमर गोस्वामी, कमल साह, रंजीत डसीला, इंद्र बिष्ट, देवेंद्र जौहरी, भीम सिंह, राजू बिष्ट, मन्नू गोस्वामी, और मनोज टमटा समेत कई अन्य लोग उपस्थित रहे।

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