ख़बर शेयर करें -

हल्द्वानी। उत्तराखंड में लोकसभा की पांचो सीटों के लिए भाजपा दावेदारों का इंतजार थोड़ा और लम्बा हो गया है। नई दिल्ली में हुई मेराथन बैठक के बाद भी दो सीटों पर पेंच फसा हुआ है। केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देहरादून लौट चुके है। लेकिन आज शनिवार या कल रविवार को वह फिर दिल्ली जा सकते है। उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड से लोकसभा प्रत्याशियों की सूची फ़ाइनल करने के लिए वीरवार की रात नई दिल्ली में भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक हुई।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ लगभग चार घण्टे बैठक हुई थी। जिसमें दोनों प्रदेश के दावेदारों पर चर्चा हुई। इस चर्चा के बाद जेपी नड्डा की अध्यक्षता व प्रधानमंत्री की मौजूदगी में केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक हुई। दो शिफ्टों में हुई बैठक सुबह साढ़े तीन बजे तक चली। उत्तराखंड को लेकर बैठक में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और संगठन महामंत्री अजय कुमार के साथ प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम भी मौजूद रहे। भाजपा सूत्रों की माने तो प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति की और से भेजे गए सभी 55 दावेदारों को लेकर सभी बिन्दुओं पर मंथन हुआ। इस मंथन के बाद पौड़ी, नैनीताल और अल्मोड़ा सीट को लेकर प्रत्याशियों के नाम फ़ाइनल कर दिए गए। टिहरी और हरिद्वार को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। इस पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज फिर दिल्ली जा सकते है। बताया कि जिन सीटों पर प्रत्याशी फ़ाइनल कर दिए गए है, उनकी घोषणा भी शनिवार तक कर दी जाएगी। भाजपा कार्यालय से जो सूचनाएं बाहर निकली है उसके हिसाब के दो मौजूदा सांसदों का टिकट खतरे में है। तीन सांसद अपना टिकट बचाने में कामयाब रहे है। जिन सीटों पर चर्चा शेष है उनमे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और पूर्व राजसभा सदस्य अनिल बलूनी की दावेदारी भारी पड़ रही है। भाजपा के सूत्रों ने य़ह भी बताया कि संसदीय बोर्ड में अंतिम फैसला लिए जाने से पहले दोबारा प्रत्याशियों की सूची प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने रखी जाएगी। उनकी सहमति के बाद ही सूची घोषित की जाएगी। इस कारण अंतिम रूप से अभी कुछ भी कहना सम्भव नहीं है।

Advertisement
Ad Ad Ad Ad Ad Ad
यह भी पढ़ें 👉  आयुक्त दीपक रावत ने औचक निरीक्षण कर जाना बेस चिकित्सालय का हाल

Comments

You cannot copy content of this page