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  • राजेश सरकार

हल्द्वानी। “जीत जाएंगे हम तू अगर संग है, जिन्दगी हर कदम इक नई जंग है” हिन्दी सिनेमा जगत में अपनी अनूठी पहचान बनाने वालीं “मेरी जंग” फिल्म का य़ह गीत जहां आपसी एकता व जीत की रणनीति को दर्शाता है वहीं कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश जोशी के मौजूदा हालात पर पूरी तरह सटीक बैठता है। क्योंकि कांग्रेस पार्टी के अंदर मची उठक- पटक के बीच चंद कार्यकर्ताओं के साथ चुनावी समर को भेदने निकले कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश जोशी भले ही चुनावी सभाओं में अपनी जीत दम भरते नजर आ रहे हो लेकिन य़ह तब तक सम्भव नहीं होगा जबतक कांग्रेस का पूरा कुनबा उनके साथ खड़ा नहीं होगा। आज भी तमाम ऐसे लोग है जो किसी न किसी कारण से प्रकाश के चुनावी प्रचार से बाहर नजर आ रहे है। प्रकाश को ऐसे तमाम लोगों को साथ लेकर एकजुटता दिखानी होगी तभी सही मायने में मिशन 2024 को फतेह किया जा सकता है। ऐसे ही तमाम लोगों में कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटीया, पूर्व विधायक सल्ट रंजीत सिंह रावत जैसे तमाम बड़े नाम है जो चुनाव प्रचार में कहीं भी दिखाई नहीं दे रहे है। प्रकाश जोशी के लिए ये दिग्गज जहां उनके खेवनहार साबित हो सकते है वहीं इनका सोशल नेटवर्क ( सामाजिक दायरा) मत को वोटों में बदलने में मुफीद साबित हो सकता है। वैसे भी हाल ही में कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलेजा के हस्तक्षेप व उनकी मौजूदगी में श्री बल्यूटिया ने दिल्ली में अपना इस्तीफा वापस लिया और साथ ही ऐलान किया कि वे पार्टी हितों के लिये पूरी निष्ठा से कार्य करते रहेगें। उनके द्वारा उठाये गए इस बड़े कदम के बाद भी इन दिनों पार्टी के अंदर उन्हें नजर अंदाज किये जाने का दौर जारी है। जो कि किसी भी सूरत में कांग्रेस पार्टी के हित में नहीं है। कांग्रेस पार्टी का पूर्व का इतिहास बताता है कि ऐसे ही तमाम कारणों के चलते पार्टी पूरी तरह रसातल में चली गयी थी। और अब फिर वही इतिहास पुन: दोहराया जा रहा हैं। वह भी ऐसे समय में जब प्रदेश में लोकसभा चुनाव सिर पर आसन्न है। राजनैतिक जानकार कहते है कि पार्टी हित के लिए यह समय सब को साथ लेकर चलने का है, ताकि ज्यादा से ज्यादा मतों से कांग्रेस प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित की जा सकें। पूर्व के गुजरे वक्त पर नजर डाले कांग्रेस के कुछ मोकापरस्त नेताओ ने जब वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी से किनारा किया था, उस समय वह नेता तो हासिये पर चले ही गये थे साथ ही कांग्रेस भी रसातल पर पहुच गई थी। अब एक बार फिर यही खेल स्वर्गीय तिवारी के वंशज दीपक बल्यूटिया के साथ ही सल्ट के पूर्व विधायक समेत तमाम कार्यकर्ताओं के साथ खेला जा रहा है, य़ह न तो कांग्रेस पार्टी के हित में है और न ही पार्टी प्रत्याशी प्रकाश जोशी के हित में। यहाँ य़ह कहना गलत न होगा कि अगर इस चुनावी ‘रण ‘ क्षेत्र में ‘प्रकाश’ रूपी जीत दर्ज करानी है तो सब को साथ लेकर ‘दीपक’ को रोशन करना ही होगा।

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