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645 नशीले इंजेक्शन बरामद, ड्रग्स फ्री उत्तराखंड के संकल्प को मिली नई धार

हल्द्वानी: जब देश के युवाओं को नशे की लत में धकेलने का धंधा खुलेआम सड़क से जेल तक फैल रहा हो, तब अगर कोई पुलिस टीम रात के अंधेरे में छापामारी कर सैकड़ों नशीले इंजेक्शन बरामद करे तो यह सिर्फ कार्रवाई नहीं होती, यह एक स्पष्ट संदेश होता है कि अब बर्दाश्त खत्म हो चुकी है।
कुमायूं की ज़मीन से निकली एक बड़ी खबर जिसमें पुलिस ने एक साथ 645 नशीले इंजेक्शन बरामद किए हैं।
यह कोई सामान्य खबर नहीं है। यह एक उदाहरण है उन पुलिसकर्मियों का, जिन्होंने अपने रात के आराम को ताक पर रखकर, नशे के कारोबारियों की उस ई-रिक्शा को रोका, जो गोला बाईपास से गुजर रहा था। वही ई-रिक्शा जो दिखने में आम था, लेकिन उसके अंदर भरे थे ट्रामाडोल हाईड्रोक्लोराइड के 645 नशीले इंजेक्शन। यह वही ट्रामाडोल है जिसे डब्ल्यूएचओ ने भी चेतावनी के साथ देखा है और जो युवाओं को अंदर से खोखला कर देता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का विज़न है ‘ड्रग्स फ्री उत्तराखंड’। लेकिन सिर्फ घोषणा करने से कुछ नहीं होता। ज़मीन पर उतरना होता है, और आईजी कुमायूं श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल ने ये जिम्मेदारी पुलिस के हर अधिकारी को सौंप दी है। जिसके परिणामस्वरूप 17-18 अगस्त की रात रेंज एसओटीएफ और थाना बनभूलपुरा पुलिस ने संयुक्त अभियान में दो तस्करों को गिरफ्तार किया जिनमें मजहर उर्फ सोनू और फैसल कुरैशी शामिल है। इनके पास से नशीले इंजेक्शनों से भरे बैग बरामद हुए।
मजहर खान उर्फ सोनू 295 इंजेक्शन (ट्रामाडोल हाईड्रोक्लोराइड) के और फैसल कुरैशी से 350 इंजेक्शन (ट्रामाडोल हाईड्रोक्लोराइड) के बरामद किए गए, यानी कुल इंजेक्शन 645 है।
ई-रिक्शा, जो आमतौर पर बुज़ुर्गों और बच्चों को मोहल्ले तक छोड़ने का साधन माना जाता है, उसका इस्तेमाल अब ड्रग्स के परिवहन के लिए हो रहा था। पुलिस ने जब शक के आधार पर ई-रिक्शा को रोका तो दोनों युवक घबराकर भागने लगे।
घेराबंदी की गई। गिरफ्तार किया गया। और फिर खुला एक खतरनाक राज़। इन शातिरो को पकड़ने वालीं पुलिस टीम एसओटीएफ की उपनिरीक्षक दीपा अधिकारी, हेड कांस्टेबल गिरीश चन्द्र भट्ट, कांस्टेबल, रिवेन्द्र सिंह, थाना बनभूलपुरा के उपनिरीक्षक नीरज चौहान, कांस्टेबल यासीन, लक्ष्मण राम शामिल है।
आईजी कुमायूं श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल का साफ़ कहना है कि यह बरामदगी केवल एक संख्या नहीं, बल्कि हमारे युवाओं को नशे से बचाने की गहरी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। ड्रग माफियाओं को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जायेगा।

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