

हल्द्वानी: यह एक ऐसा मामला है जो सिर्फ पुलिस डायरी में दर्ज नहीं होता, बल्कि समाज के उस धागे को भी उधेड़ देता है, जिसमें पैसे का लेन-देन अब रिश्तों से बड़ा हो चला है। हल्द्वानी के तल्ली बमोरी इलाके से गायब हुआ 27 वर्षीय तुषार, जिसे शुरू में सबने समझा कि शायद फरीदाबाद लौट गया होगा, दरअसल अपहरणकर्ताओं के चंगुल में था।
बता दे कि 8 मई की दोपहर, घर से निकला युवक, टी-शर्ट और लोअर पहने हुआ था। घरवालों को कोई अंदेशा नहीं था। लेकिन शाम तक जब घर नहीं लौटा और उसका मोबाइल फोन भी घर में पड़ा मिला, तो पिता गिरीश चंद्र को बेचैनी हुई। तलाश शुरू हुई, और आसपास के सीसीटीवी खंगाले गए और वहां वो देखा गया तीन-चार युवक उसे गाड़ी में जबरन ठूंसते हुए।
ये कोई फिल्मी सीन नहीं था। ये हकीकत थी। क्योंकि तुषार का अपहरण हो चुका था। एफआईआर दर्ज हुई, पुलिस हरकत में आई और मोबाइल लोकेशन से कहानी की परतें खुलती चली गईं।
नाम सामने आए कपिल तिवारी और आलोक संजन तिवारी के जो चित्रकूट के निवासी है। उन्होंने तुषार से 22 लाख की मांग की। फिरौती की धमकी दी। और जब पुलिस का शिकंजा कसने लगा, तो उसे चित्रकूट में अधमरी हालत में छोड़ भाग खड़े हुए।
मुखानी पुलिस की टीम, जिसने तुषार को घायल अवस्था में बरामद किया, उसे बेस अस्पताल लाया। शरीर पर ज़ख्म के निशान है, और आंखों में डर की परछाइयां। लेकिन जिंदा था। वहीं थाना प्रभारी विजय सिंह मेहता कहते हैं मामले की जांच जारी है, अपहरणकर्ताओं की जल्द गिरफ्तारी होगी।
लेकिन यहाँ सवाल ये है कि क्या अब अपहरण भी ‘पैसों के हिसाब’ का नया तरीका बन गया है? जब लेन-देन नहीं सुलझता, तो उठा लो, पीटो, और छोड़ दो क्योंकि कानून देर से आता है, पर आता ज़रूर है।





