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हल्द्वानी। राहुल यानी सभी प्रकार के कष्टों पर विजय पाने वाला, अपने नाम के अनुरूप पत्रकार राहुल पांडेय की सार्वजनिक छवि अब तक यही रही है। कल तक लोगों के दुःख सुख में उनके साथ खड़े रहने वाला व उनके मसलों का निस्तारण करने वाले पत्रकार राहुल पांडेय को आज जिंदगी ने उस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया जहां पर उन्हें खुद अपनी समस्याओं के निस्तारण के लिए मदद की गुहार लगानी पड रही है। पत्रकार राहुल पांडेय बीते कुछ सालों से किडनी की समस्या से जुझ रहे है। इसी के चलते उन्होंने परिवार के भरण पोषण के लिए पेंट का कारोबार शुरू किया, लेकिन कारोबार के शुरुआती चरण में ही बनभूलपूरा निवासी ठेकेदार सोनू सैफी ने उन्हें विश्वास में लेकर उनके 19 लाख रुपये के क़ीमत के पेंट के पैसे हड़प लिए। पत्रकार पांडेय ने इसकी शिकायत देश के राष्ट्रपति से लेकर कुमाऊँ कमिश्नर, जिलाधिकारी नैनीताल व पुलिस के आला अधिकारियों से तक की, लेकिन कार्यवाई के नाम पर परिणाम शून्य ही रहा। आखिर सब तरफ से हताश हो चुके पत्रकार राहुल पांडेय ने अब आगामी 9 नवंबर को राज्य निर्माण दिवस के अवसर पर परिवार के साथ आत्मदाह करने का ऐलान किया है। प्रेस को जारी बयान में राहुल ने कहा है कि प्रशासनिक पदों पर बैठे तमाम आलाधिकारियों के दरबार के बीते एक साल से चक्कर लगाते लगाते वे पूरी तरह से हताश व निराश हो चुके है, और उन्हें कहीं से भी न्याय की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। लिहाजा अब उनके पास अपने परिवार के साथ आत्मदाह करने के आलावा कोई चारा शेष नहीं रह गया है।

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प्रशासन व पुलिस ने नहीं की कोई कार्यवाई

पत्रकार राहुल पांडेय की मौजूदा हताशा के लिए मुख्य रूप से प्रशासन व पुलिस के वे आला अधिकारी जिम्मेदार है, जिन्होंने उनके तमाम गुहारो के बाद भी उनकी फ़रियाद को अनसुना कर दिया। राहुल के आत्मदाह का फैसला प्रशानिक तंत्र में व्याप्त उन खामियों की ओर इशारा करती है जो एक इंसान को आत्मदाह जैसा कदम उठाने को विवश कर रही है।

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