बोले प्रबंध निदेशक जांच के बाद नियमानुसार कार्यवाई की जाएगी
हल्द्वानी। देहरादून के आईएसबीटी परिसर में नाबालिक यात्री के साथ परिवहन निगम के पांच कर्मचारियों द्वारा सामुहिक दुराचार किए जाने की घटना के बाद अनुबंधित गाड़ियों के संचालन को लेकर कई सवाल खड़े हो गए है। परिवहन के सूत्रों की माने तो तमाम ऐसी अनुबंधित गाड़ियों का संचालन किया जा रहा है जो निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के साथ ही परिवहन निगम के सेवानिवृत, वर्तमान अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा संचालित की जा रही है। य़ह लोग अपने रिश्तेदारों के नाम पर गाड़ियों का संचालन कर भारी मुनाफा कमा रहे है।
बता दे कि परिवहन निगम के सेवानिवृत व सेवारत अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा अनुबंधित गालियों को संचालित किए जाने का मामला कई वर्ष पूर्व भी उठा था। परिवहन निगम कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों ने अनुबंधित गाड़ियों के संचालन में परिवहन निगम के ही अधिकारियों, कर्मचारियों की संलिप्तता की शिकायत दर्ज करायी थी। परिवहन निगम के मुख्यालय स्तर पर इसकी जांच की गई थी। मामला उजागर होने के बाद सम्बन्धित अधिकारियों कर्मचारियों ने आनन फानन में गाड़ियां बेचकर जैसे तैसे पीछा छुड़ाया था। लेकिन अब फिर एक बार फिर वहीं सवाल खड़ा होने लगा है। सूत्रों की माने तो निगम के बाड़े में तमाम ऐसी गाड़ियों का संचालन हो रहा है जो निर्वाचित जनप्रतिनिधियों परिवहन निगम के सेवारत व सेवानिवृत्त अधिकारियों द्वारा संचालित की जा रही है। सूत्रों का तो यहाँ तक कहना है कि इन गाड़ियों को समय पर ड्युटी पर भेजे जाने, गाड़ियों के संचालन में परिवहन निगम प्रबंधन की और से भुगतान कराए जाने को लेकर भी अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा समय समय पर दबाव डाला जाता है। बता दे कि फिलहाल परिवहन निगम के बेड़े में 450 से अधिक अनुबंधित गालियों का संचालन किया जा रहा है। जिनमें से ज्यादातर गाड़ियां उत्तर प्रदेश, नई दिल्ली, पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों के संचालकों द्वारा संचालित की जा रही है। इस बाबत परिवहन निगम के प्रबन्ध निदेशक डॉ आनंद श्रीवास्तव का कहना है कि फिलहाल य़ह प्रकरण उनके संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा है तो इसकी जांच करायी जायेगी और परिवहन निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा गाड़ियों का संचालन किया जा रहा है तो इसकी जांच करने के साथ ही नियमानुसार कार्यवाई की जाएगी।