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भाजपा का लगातार बढ़ता कुनबा निकाय व विस चुनाव में पैदा कर सकता है मुश्किलें, दावेदारों की खड़ी होगी फौज

संजय झा
देहरादून। विभिन्न चरणों में चलाया गया सदस्यता अभियान भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव में भले ही लाभ पहुंचाये, लेकिन आगे चलकर इससे कई मुश्किलें भी खड़ी होंगी। अन्य दलों से पार्टी में शामिल हुए राजनीतिक कार्यकर्ताओं में से कई ऐसे भी है जो या तो विधायक रह चुके है या किसी न किसी दल से लोकसभा, विधानसभा या स्थानीय निकाय का चुनाव लड़ चुके है। ऐन वक़्त पर यदि ऐसे नेताओं की यदि राजनीतिक महत्वाकांक्षा जाग गई तो आने वाले निकाय चुनाव व 2027 में विधानसभा चुनाव में पार्टी के सारे समीकरण गड़बड़ा जाएंगे। अन्य दलों के बड़े नेताओं को पार्टी में शामिल करने के लिए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने य़ह प्रलोभन दिया कि यदि कोई विधायक शामिल होता है तो उसे दोबारा विधायक बनने का मौका दिया जाएगा। इसके बाद ही बद्रीनाथ के विधायक राजेंद्र भण्डारी कांग्रेस छोडकर भाजपा में आए। य़ह अलग बात है कि बद्रीनाथ से भाजपा से चुनाव लड़ते रहे महेंद्र भट्ट राज्य सभा के लिए चुने जा चुके है। यदि ऐसा नहीं होता तो 6 माह के अंदर इस सीट पर होने वाले उपचुनाव में राजेंद्र भण्डारी या महेंद्र भट्ट में से किसी एक को चूनना मुश्किल हो जाता। इसी तरह टिहरी सीट से अभी किशोर उपाध्याय भाजपा विधायक है। 22 के चुनाव में पहले किशोर कांग्रेस में थे। भाजपा में आने के बाद उन्हें इस सीट से टिकट मिला तो नाराजगी में तत्कालीन सिटिंग विधायक धन सिंह नेगी ने कांग्रेस ज्वाइन कर लिया। धन सिंह नेगी फिर भाजपा में शामिल हो चुके है। 27 के विधानसभा चुनाव में जाहिर तौर पर टिहरी सीट से धन सिंह नेगी भी दावेदारी करेंगे। ऐसे में भाजपा के लिए नेगी और उपाध्याय में से किसी एक को चुनना पड़ेगा। जिसे टिकट नहीं मिलेगा वह नाराज होगा। टिकट किसी तीसरे शख्स को दिया जाएगा तो दोनों नाराज हो जाएंगे। इसी तरह कांग्रेस से भाजपा में आए मनीष खंडूरी को लेकर भी आने वाले समय में भाजपा के लिए असहज स्थिति पैदा होगी। मनीष विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी के भाई है। एक परिवार में दो लोगों को टिकट मिलना सम्भव नहीं लगता। मनीष खंडूरी 29 के लोकसभा चुनाव तक अपनी बारी का इंतजार करेंगे ऐसा सम्भव नहीं लगता। इसी तरह मालचंद, विजय सजवाण, महावीर राधड, हरिदास जैसे पूर्व विधायकों और अशोक वर्मा जैसे स्थानीय निकाय के धुरंधरों ने सिर्फ भाजपा की सेवा करने के लिए अपनी पार्टी नहीं छोड़ी। उनके भी सियासी अरमान होंगे जो विधानसभा चुनाव या निकाय चुनाव में सामने आयेंगे। सभी की सियासी महत्वकांक्षा को समेटना भाजपा के लिए मुश्किल हो जाएगा।

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खुद भाजपा से जुड़ रहे विभिन्न दलों के लोग: भट्ट

भाजपा के नवांगतूको को यथोचित जिम्मेदारी देने को लेकर भविष्य में होने वालीं परेशानी पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट से सवाल किया गया। चुनाव कार्यालय में मीडिया से बातचीत में भट्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत का चहुंमुखी विकास हो रहा है। इस विकास में योगदान करने के लिए सभी दलों के लोग अपने-आप पार्टी से जुड़ते जा रहे है। किसी भी नेता ने कोई शर्त नहीं रखी है। भाजपा में सभी को उनकी क्षमता के अनुसार जिम्मेदारी मिलती है। भट्ट जो भी दावा करे, नवांगतूको की बड़ती फौज भाजपा के एक धड़े को अभी से परेशान करने लगी है।

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