Advertisement
ख़बर शेयर करें -

देहरादून/ हल्द्वानी। अगर आप या आपके आसपास कोई व्यक्ति हर समय चिड़चिड़ा रहता है, छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आता है या बार-बार मूड स्विंग्स होते हैं, तो हो सकता है इसका कारण मानसिक तनाव नहीं, बल्कि शरीर में विटामिन्स की कमी हो। विशेषज्ञों के अनुसार, कुछ जरूरी विटामिन्स की कमी मानसिक और भावनात्मक स्थिति को प्रभावित कर सकती है। खासकर विटामिन बी12, विटामिन डी और विटामिन सी की कमी चिड़चिड़ापन और थकान की बड़ी वजह बनती है।

बी-विटामिन की कमी: मस्तिष्क पर असर

विटामिन बी12 तंत्रिका तंत्र और दिमाग की सेहत के लिए बेहद जरूरी है। यह न्यूरोट्रांसमिटर्स के निq2र्माण में मदद करता है, जो हमारे मूड को नियंत्रित करते हैं। बी12 की कमी से न सिर्फ चिड़चिड़ापन बढ़ता है, बल्कि मूड स्विंग्स, अवसाद और स्मरण शक्ति में भी गिरावट आ सकती है।

यह भी पढ़ें 👉  महाशिवरात्रि: हल्द्वानी में भक्तों ने भगवान भोलेनाथ का किया रुद्राभिषेक और दुग्धाभिषेक

विटामिन डी: धूप से मिलने वाला ‘सनशाइन विटामिन’

विटामिन डी की कमी से भी चिड़चिड़ापन और थकान की समस्या हो सकती है। यह विटामिन दिमागी फंक्शन को बनाए रखने में मदद करता है। सुबह की हल्की धूप में रोजाना 15 मिनट रहना या अंडे, मछली और दूध जैसे खाद्य पदार्थों को आहार में शामिल करना विटामिन डी की पूर्ति में सहायक हो सकता है।

विटामिन सी: इम्युनिटी ही नहीं, मूड के लिए भी जरूरी

विटामिन सी केवल रोग प्रतिरोधक क्षमता ही नहीं बढ़ाता, बल्कि थकान, कमजोरी और चिड़चिड़ापन को भी दूर करने में सहायक है। इसकी कमी से मूड डिस्टर्ब रहने लगता है और व्यक्ति हर समय थका-थका महसूस करता है।

यह भी पढ़ें 👉  मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल वैशाली ने थोरैसिक समस्याओं से जुड़े चार मरीजों को एड़वांस सर्जरी कर दिया नया जीवन

क्या खाएं चिड़चिड़ापन दूर करने के लिए?

विटामिन बी12 के लिए: मीट, अंडा, दूध, दही और चीज का सेवन करें।

विटामिन डी के लिए: अंडे की जर्दी, मछली, दूध और सुबह की धूप लाभकारी है।

विटामिन सी के लिए: संतरा, नींबू, पपीता, अमरूद, शिमला मिर्च, ब्रोकोली और पत्तागोभी जैसे फल और सब्जियां आहार में शामिल करें।

फोर्टिफाइड फूड्स: बाजार में मिलने वाले विटामिन फोर्टिफाइड सीरियल्स और जूस भी विकल्प हो सकते हैं।

नोट – यह लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है। किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या होने पर डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।

– संवाददाता, उत्तराखंड जनादेश

Advertisement
Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

Comments