

देहरादून: नगर निकाय चुनाव में आईएफएस अधिकारियों को पर्यवेक्षक बनाने के राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश ने वन विभाग में हलचल मचा दी है। आयोग ने 18 वन प्रभागीय अधिकारियों को चुनाव पर्यवेक्षक नियुक्त किया है, लेकिन वन विभाग ने इस पर विरोध जताया है। विभाग का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के 2023 के आदेश के अनुसार, वन विभाग के कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी और चारधाम यात्रा ड्यूटी से अलग रखा गया है।
वन विभाग के अनुसार, यदि इन अधिकारियों को पर्यवेक्षक बनाया गया तो इसका असर फायर सीजन की तैयारियों पर पड़ेगा। विभाग ने राज्य सरकार और निर्वाचन आयोग से इन अधिकारियों को चुनाव ड्यूटी से मुक्त करने की अपील की है। प्रमुख वन संरक्षक डॉक्टर धनंजय मोहन ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए कहा कि उम्मीद है कि सभी अधिकारी चुनाव ड्यूटी से मुक्त होंगे, लेकिन इस संबंध में अभी तक कोई आदेश नहीं मिला है।
इस पूरे विवाद ने अब राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में चर्चाओं का एक नया दौर शुरू कर दिया है।





