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राजेश सरकार
हल्द्वानी। कांग्रेस के लिए इसे खतरे की घंटी कहें या फिर चेतावनी कि पार्टी हाईकमान नैनीताल-उधम सिंह नगर लोकसभा सीट से अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा करने में अभी तक असमंजस में है। यही कारण है कि इस बार स्थानीय नेताओं की लाख कोशिशों के बावजूद पार्टी हाईकमान ने यहां ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई। पार्टी के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार यदि कांग्रेस चाहती तो नैनीताल सीट से उसे दमदार चेहरा मिल सकता था, लेकिन चूंकि पार्टी का प्रदेश नेतृत्व भी यहां की ‘टांग खिंचाई’ से अच्छी तरह वाकिफ है लिहाजा उसने भी नैनीताल सीट के लिए ज्यादा जद्दोजहद करना मुनासिब नहीं समझा। सब जानते हैं कि नैनीताल सीट कभी कांग्रेस का अभेद दुर्ग हुआ करता था। कांग्रेसी दिग्गजों ने यहां मेहनत कर पार्टी को खड़ा किया था, लेकिन वर्तमान में नैनीताल में कांग्रेस अपंग सी है और बैसाखियों का सहारा है। जनपद में कांग्रेस की कुछ मेहनत दिखती है, लेकिन महानगर कांग्रेस का तो बुरा हाल है। पार्टी से जुड़े सूत्र के अनुसार नैनीताल सीट में पेच इसलिए फसा है क्योंकि यहा से रंजीत रावत, यशपाल आर्य, महेंद्र सिंह पाल व दीपक बलुटिया ने अपनी दमदार दावेदारी पार्टी हाईकमान के समक्ष रखी है। सूत्र बताते है कि इनमें से दो प्रत्याशियों ने पार्टी हाईकमान को दबी जुबा में यह भी अहसास करा दिया है कि उन्होंने पार्टी फ़ंड में पूर्व के चुनावों में जमकर दान ही नहीं दिया बल्कि राहुल गांधी द्वारा निकाली गई न्याय यात्रा में व्यवस्थाओं को भी बखूबी संभाला। अब वह अपने इन कार्यों के बदले लोकसभा टिकट के रूप में पुरुस्कार चाहते है। शायद यही वजह है कि पार्टी हाईकमान को फैसला लेने में देर हो रही है।

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उड़ी या उड़ाई गई

बीते दिनों सोशल मीडिया पर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक बलूटिया के कांग्रेस पार्टी से इस्तीफे देने की खबर खूब वायरल हुई। जब इस बात की पुष्टि दीपक से की गई तो उन्होंने काग्रेस को छोड़ने की बात को एक सिरे से नकारते हुए य़ह कहा कि वे एनडी तिवारी के वंशज है कांग्रेस उनके लिए पार्टी नहीं बल्कि पहचान है। अब यहाँ सवाल य़ह उठता है कि सोशल मीडिया पर य़ह खबर कैसे वायरस हुई और इसके पीछे किसका दिमाग था।

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