आय से अधिक सम्पति मामले में शासन ने शुरू करायी थी खुली जांच
देहरादून/ हल्द्वानी। राज्य प्रशासनिक सेवा की वरिष्ठ अधिकारी निधि यादव को विजिलेंस ने जांच के बाद क्लीन चिट दे दी है। निधि यादव के खिलाफ आय से अधिक सम्पति के आरोप थे और शासन ने करीब एक साल पहले विजिलेंस के खुली जांच के आदेश दिए थे। इस कारण ही 2023 में जुलाई में हुई डीपीसी में आईएएस अधिकारी के पद पर उनकी प्रोन्नति रुक गई थी।
बता दे कि पिछले वर्ष जुलाई में प्रदेश के 9 पीसीएस अफसरों की डीपीसी की प्रक्रिया शुरू हुई। इसमें 2005 बैच की अधिकारी निधि यादव का नाम भी शामिल था। डीपीसी के समय उनके खिलाफ आय से अधिक सम्पति का मामला उछला और एक राजनीतिक संगठन ने उनकी डीपीसी रोकने व विजिलेंस जांच की मांग करते सचिवालय के बाहर हंगामा किया। बतौर अपर मुख्य सचिव गृह राधा रतूड़ी ने उनके खिलाफ विजिलेंस जांच की सहमति दी। रिपोर्ट के आधार पर निधि यादव की डीपीसी रोक दी गई। एक वर्ष जांच के बाद विजिलेंस ने पीसीएस अफसर पर लगे आरोपों को निराधार बताया। कहा कि विजिलेंस जांच की रिपोर्ट केंद्रीय क्रमिक कार्यालय को भेजी जा चुकी है। यहाँ बता दे कि सीनियरिटी के हिसाब से निधि यादव की डीपीसी वर्ष 2021 में ही होनी थी। लेकिन उस समय गलत दस्तावेजों के आधार पर नोकरी पाने के आरोप में प्रमोशन रोक दिया गया। उस मामले में भी निधि को क्लीन चिट मिली है। पीसीएस अधिकारी ने क्लीन चिट की पुष्टि की। उधर उनके खिलाफ गंभीर आरोपों के मद्देनजर निधि यादव ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने आरोपों के सम्बन्ध में सरकार से सबूत मांगे थे। कोर्ट ने शासन से रिपोर्ट तलब की है। इस मामले की सितंबर में सुनवाई है।