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हल्द्वानी। वन क्षेत्र एवं आरक्षित वन क्षेत्र में अवैध तरीके से लकड़ी काटे जाने के मामले में वन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की संलिप्तता की वन पंचायत संघर्ष मोर्चा, समाजवादी लोक मंच व किसान संघर्ष समिति ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की है तथा वन गूजर समुदाय व वन आश्रित समाज का उत्पीड़न रोकने की मांग की है। वक्तागण यहां आहूत पत्रकार वार्ता में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे, उन्होंने कहा कि बीते कल रनसाली रेंज तराई पूर्वी हल्द्वानी में वन गूजरों ने मौके पर जाकर ट्रैक्टर से अवैध तरीके से काटकर लाई जा रही कीमती शीसम,खैर, रोनी आदि लकड़ी से भरी ट्राली को पकड़ कर वन विभाग के हवाले किया था। वन विभाग ने तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने की जगह शिकायतकर्ता गुलाम रसूल की मोटरसाइकिल सीज कर दी तथा अब उन्हें उल्टा फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दी जा रही है। एक ट्रेक्टर ट्राली को मौके से भाग जाने दिया। मौके पर उसमें से फेंकी गई लकड़ी देखी जा सकती है। वक्ताओ ने कहा कि वन तस्कर भी अब शिकायत कर्ता वन गूजरों को धमका रहे हैं तथा जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि तराई पश्चिमी रामनगर में वन गूजर अशरफ ने विगत 5 जून को टाल फ्री नंबर परअवैध लकड़ी कटान की शिकायत की। वनाधिकारी प्रकाश चन्द्र ने अवैध कटान के खिलाफ कार्रवाई करने की जगह शिकायतकर्ता को ही धमकाते हुए कहा कि तुम्हारी नौटंकी हम बर्दाश्त नहीं करेंगे तथा शिकायत कर्ता पर ही उल्टा आरोप लगाने लगे। मोर्चा के अध्यक्ष तरुण जोशी ने कहा कि उत्तराखंड के हजारों वन गुजरों व वन वासियों ने वनाधिकार कानून के तहत अपने दावे प्रस्तुत किये हैं। परंतु सरकार उनके दावों को स्वीकार करने की जगह गुजरो का उत्पीड़न कर रही है। समाजवादी लोक मंच के संयोजक मुनीष कुमार ने कहा कि वन गूजरों का सदियों से जंगलों से रिश्ता रहा है। उनके द्वारा की गई अवैध कटान की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जानी चाहिए तथा शिकायतकर्ता वन गुजरों को संरक्षण दिया जाना चाहिए। पत्रकार भाषा के दौरान किसान संघर्ष समिति के संयोजक ललित उप्रेती, मौ कासिम,अलीजान, अब्दुल गनी, गुलाम रसूल आदि मौजूद रहे।

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