नैनीताल। अध्यक्ष उत्तराखंड बाल विकास संरक्षण आयोग डा. गीता खन्ना की अध्यक्षता में गुरुवार को जिलाधिकारी कार्यालय सभागार में बाल तस्करी से आजादी 2.0 अभियान विषय में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में मुख्य रुप से बाल तस्करी, चाइल्ड हैल्प लाइन, प्रताडित,लावारिस, खोए हुए बच्चे, बाल संरक्षण निराश्रित बच्चे, शिक्षा आदि विषय पर चर्चा की गई। डा. गीता खन्ना ने बताया कि बाल तस्करी, शिक्षा, किशोर न्याय के लिए पुलिस तंत्र, श्रम के अलावा अन्य विभागों को भी सहयोग करना चाहिए। लोगों को “हर बच्चा – मेरा बच्चा“ – बैठक के दौरान उन्होंने बताया कि एनसीपीसीआर ने भारत के 100 जिलों को चिह्नित किया है। जिनमें बाल तस्करी की संभावना ज्यादा है। जिसमें उत्तराखंड राज्य के सात जिले चिह्नित किए हैं, जिसमें बाल तस्करी की होने की संभावना है। इसी क्रम में पिथौरागढ़, चंपावत, उत्तरकाशी, नैनीताल जिलों में बाल तस्करी की ज्यादा संभावना हैं, इन जिलों में बाल तस्करी रोकने के लिए बैठक और जागरुकता अभियान चलाया जा चुका है। साथ ही एनसीपीसीआर द्वारा 1 से 30 जून तक पूरे भारत वर्ष में बाल श्रम मुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही जो परिजन बच्चों के शिक्षा या अन्य पूर्ति करने में असमर्थ हैं ऐसे बच्चों को चिह्नित कर शिक्षा, संरक्षण आदि की व्यवस्था की जाएगी। जिसके लिए हर जिले में टास्क फोर्स का गठन किया गया है।
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