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देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व वन मंत्री और कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी 101 बीघा ज़मीन को अटैच कर लिया है। यह ज़मीन सहसपुर क्षेत्र में स्थित है और इसकी कीमत 70 करोड़ रुपये आंकी जा रही है। यह ज़मीन उनकी पत्नी दीप्ति रावत और करीबी सहयोगी लक्ष्मी राणा के नाम पर खरीदी गई थी।

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ईडी की जांच में रावत पर आरोप हैं कि उन्होंने कार्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज में टाइगर सफारी के नाम पर हजारों पेड़ों की अवैध कटाई करवाई और निर्माण कार्य किए। इसके अलावा, रावत और उनके सहयोगियों पर ज़मीन के फर्जीवाड़े के आरोप भी हैं। ईडी ने फरवरी 2024 में उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली के 17 ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें 1.10 करोड़ रुपये नकद, 80 लाख रुपये का सोना और कई दस्तावेज जब्त किए गए।

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इस मामले ने उत्तराखंड की राजनीति में तूफान ला दिया है, जहां भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। विपक्ष इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त कदम मान रहा है, वहीं हरक सिंह रावत के समर्थक इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दे रहे हैं।

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