

गजरौला: गजरौला की सड़कों पर एक खामोशी पसरी है। रात के तकरीबन ढाई बजे, जब देश सो रहा था और हाईवे पर सिर्फ ट्रकों की घर्र-घर्र थी, तब एक कार, जिसे चला रहा था एक थका हुआ ड्राइवर, सीधे जाकर घुस गई एक खड़े कैंटर में।
कार में थे इंडियन आइडल 12 के विजेता, उत्तराखंड के चंपावत के रहने वाले पवनदीप राजन। वो पवनदीप, जिसकी आवाज़ में पहाड़ की मिठास है, जिसने सुरों से लोगों का दिल जीत लिया था। आज वही पवनदीप सड़क पर बेसुध पड़ा था—दोनों टांगें टूटी हुई, सिर में चोटें, और हालत नाजुक।
साथ में थे उनके दोस्त अजय मेहरा और ड्राइवर राहुल सिंह। तीनों को पुलिस ने निकलवाया कार से, जो अब पहचान में नहीं आ रही। पहले ले गए सरकारी अस्पताल, फिर रेफर हुए मुरादाबाद और आखिरकार पहुंचे डिडौली के एक निजी अस्पताल के आईसीयू में।
सवाल ये है कि क्या हमारी सड़कें अब भी सुरक्षित हैं? क्या हर हाईवे किनारे खड़ा वाहन एक संभावित हादसे का न्योता नहीं है? और क्या यह हादसा सिर्फ एक झपकी का नतीजा था, या उस सिस्टम की नींद का, जो सड़क सुरक्षा को अभी भी रेंगते कछुए की तरह देखता है?
पवनदीप के चाहने वाले देशभर से दुआ कर रहे हैं। उनके गाने की गूंज भले थोड़ी देर के लिए थम गई हो, मगर उम्मीद है कि ये आवाज़ फिर गूंजेगी माइक पर, मंच पर, और दिलों में।