करीब एक साल से लंबित है जांच, 20 दरोगा हुए थे निलंबित
हल्द्वानी। दरोगा भर्ती धांधली मामले में विजिलेंस एक माह के भीतर शासन को जांच रिपोर्ट सौप सकती है। शासन के अगले आदेश पर ही विजिलेंस आगे कार्यवाई करेगी। विजिलेंस की रिपोर्ट के आधार पर पूर्व में पुलिस विभाग ने जांच के दायरे में आए 20 दरोगाओ को निलंबित किया था। करीब एक साल से चल रहे इस मामले में जांच अंतिम दौर पर पहुची।
पिछले साल यू केएसएसएसपी के माध्यम से कराई गई कई परीक्षाओं में धांधली सामने आई थी। इसी क्रम में साल 2015 में हुई 339 दरोगाओ की भर्ती भी धांधली के दायरे में आ गई। नकल गिरोह के सरगना हाकम सिंह रावत के साथ कुछ दरोगाओ की फोटो भी वायरल हुई थी। शासन के आदेश के बाद ही अक्टूबर 2022 में विजिलेंस ने इनके खिलाफ मुक़दमा दर्ज कर विवेचना को आगे बढ़ाया था। पंतनगर विश्व विद्यालय के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी दिनेश चंद्र जोशी, अधिकारी नरेंद्र सिंह जादौन, नकल गिरोह के सरगना हाकम सिंह, चन्दन मनराल, केंद्र पाल, मास्टर माइंड सादिक मूसा, राजेश कुमार जायसवाल, संजीत कुमार चौहान, राजेश पाल, राजेश चौहान, विपिन बिहारी और नीतीश गुप्ता के नाम उजागर हुए थे। हालांकि दरोगा भर्ती धांधली प्रकरण में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई थी। बल्कि अन्य परीक्षाओं की धांधली मामले में एसटीएफ ने कई गिरफ्तारी की थी। विजिलेंस की रिपोर्ट के बाद पुलिस विभाग ने जनवरी 2023 में 20 दरोगाओ को निलंबित किया था। जानकारी के मुताबिक गढ़वाल से 210, कुमाऊँ से 129 कुल 339 दरोगा भर्ती हुए थे।
ये हुए थे निलंबित
देहरादून में तैनात ओमवीर सिंह, प्रवेश रावत, राज नारायण व्यास, जेनद्र राणा, निखिलेश बिष्ट, उधम सिंह नगर में तैनात दीपक कौशिक, अर्जुन सिंह, बीना पपोला, जगत सिंह शाही, हरीश महर, लोकेश, संतोषी, नैनीताल में तैनात नीरज चौहान, आरती पोखरियाल नैनीताल (अधिसूचना), प्रेमा कोरमा और भावना बिष्ट, पौड़ी में तैनात पुष्पइंद्र, चमोली में तैनात गगन मथानी, चंपावत में तैनात तेज कुमार और एसडीआरएफ में तैनात मोहित सिंह को निलंबित किया गया था।
दरोगा भर्ती धांधली में विजिलेंस की जांच सुस्त चाल से चलने पर कई बार सवाल भी खड़े हुए। इस पर तर्क दिया गया था कि जांच के बीच में जांच अधिकारी बदला गया, जिससे जांच में कुछ विलंब हुआ।