

उत्तराखंड कांग्रेस की गुटबाज़ी पर हाईकमान का प्रहार
देहरादून: दिल्ली के दरबार में कांग्रेस के बड़े चेहरे बैठे थे मलिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और कुमारी शैलजा। सामने थे उत्तराखंड कांग्रेस के तमाम नेता, लेकिन माहौल ‘मंथन’ का नहीं, ‘मोर्चेबंदी’ का था। दिल्ली में जो कुछ हुआ, वह सिर्फ एक बैठक नहीं थी, वह एक ‘राजनीतिक चार्जशीट’ थी प्रदेश कांग्रेस के खिलाफ। बयानबाज़ी बंद करो, वरना बाहर हो जाओ, राहुल गांधी ने साफ कहा अब कोई एक-दूसरे पर कीचड़ नहीं उछालेगा। जो भी इस आदेश को तोड़ेगा, उस पर तत्काल कार्रवाई होगी। यानी राजनीति अब बयानबाज़ी की नहीं, संगठन की होगी। लेकिन सवाल यही है क्या बयानबाज़ नेताओं के मुंह बंद होंगे?
बैठक में हरीश रावत से लेकर यशपाल आर्य और भुवन कापड़ी तक सबने एक सुर में कहा संगठन कमजोर हो गया है, कार्यकर्ता टूट रहे हैं, और सबसे बड़ी बात पार्टी में गुटबाज़ी चरम पर है।
कई नेताओं ने तो ये तक कह दिया कि प्रदेश अध्यक्ष करन मेहरा को हटाया जाए! और खुद करन मेहरा ने भी जैसे हार मान ली हो हटाना है तो हटा दो, मैं बगैर पद के भी पार्टी का सिपाही हूं। बैठक में प्रदेश के कई नेताओं ने कहा जिन लोगों को जिलाध्यक्ष, नगर अध्यक्ष या महानगर अध्यक्ष बनाया गया है, वो जनता के बीच नहीं हैं, सिर्फ सिफारिश के बल पर संगठन चला रहे हैं। अपने घर से व्हाट्सएप से संगठन चलाने वाले नेता, जमीन पर क्या करेंगे?
प्रदर्शन का मतलब सिर्फ चौराहे पर पुतला जलाना नहीं होता। मगर प्रदेश कांग्रेस में यही ‘राजनीतिक इतिश्री’ बन चुकी है। कार्यकर्ताओं की भागीदारी नहीं, केवल फोटो की चिंता।
अब दिल्ली दरबार से आदेश आया है हर जिले में जाएंगे पर्यवेक्षक, खामोशी से देखेंगे, सुनेंगे, परखेंगे, और फिर तय करेंगे कि असली संगठन किसके हाथ में देना है। यानी अब ‘चापलूसी नहीं, योग्यता’ तय करेगी कुर्सी।
हाईकमान ने पहली बार खुले मंच से कहा हमें पता है पार्टी में कौन भाजपा का एजेंट है। अगर सुधरे नहीं, तो अब बाहर होंगे।
ये चेतावनी नहीं, साफ एलान है कांग्रेस अब घर के भेदी से भी निपटेगी। कुल मिलाकर उत्तराखंड कांग्रेस में ‘क्लीन अप ड्राइव’ की शुरुआत हो चुकी है, अब तक गुटबाज़ी में उलझी कांग्रेस को दिल्ली से मिला है सख्त अल्टीमेटम। या तो एकजुट होकर लड़ो, वरना बाहर का रास्ता तैयार है। दिल्ली की बैठक एक चेतावनी भी है और आखिरी मौका भी।
राजनीति में संगठन की रीढ़ टूट जाए, तो चुनावी शरीर चल नहीं पाता। कांग्रेस को अब इसे जोड़ना होगा बूथ से लेकर भारत तक।