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हल्द्वानी। केदारनाथ उपचुनाव में भाजपा व कांग्रेस के प्रत्याशियों द्वारा नामांकन करने के बाद चुनावा रंगत चढ़ने लगी हैं। दीपावली के मौके पर चल रहे तूफानी चुनावी प्रचार के दौरान चुनावी वादों की फुलझड़ियां छूट रही हैं। आरोपों के रॉकेट दागे जा रहे हैं। दोनों की ही कोशिश है कि उसके छोड़े बम का धमाका देर तक गूंजता रहे।
प्रचार के इस दौर में कांग्रेस ने ऐसा रॉकेट दागा है कि अब भाजपा को इसका जवाब सोचने में एक-दो दिन लग जाएंगे। कांग्रेस ने दिवंगत भाजपा विधायक शैलारानी रावत की पुत्री ऐश्वर्या रावत को टिकट न मिलने के मुद्दे को रॉकेट बनाकर हवा में दाग दिया है। शैलारानी के निधन के कारण ही इस सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं। उनकी पुत्री ऐश्वर्या इस सीट पर भाजपा से टिकट मांग रही थी। लेकिन भाजपा ने उनके बजाय अपनी पूर्व विधायक आशा नौटियाल पर भरोसा जताते हुए मैदान में उतारा।   
कांग्रेस ने ऐश्वर्या को टिकट न दिए जाने पर इसे शैलारानी के परिवार के साथ अन्याय बताया। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और अन्य नेताओं ने इसे भाजपा का दोहरा मापदंड बताते हुए ऐश्वर्या रावत को टिकट न दिए जाने पर सवाल खड़े किए।
कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत के समर्थन में आयोजित सभा में कांग्रेस नेताओं ने जोर देकर कहा कि शैलारानी रावत 2016 में भाजपा में शामिल हुई थीं और भाजपा विधायक रहते हुए ही उनका निधन हुआ। उनके परिवार को अब भाजपा द्वारा अनदेखा किया जा रहा है। कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल ने आरोप लगाया कि भाजपा ने पहले कई दिवंगत नेताओं हरबंस कपूर, प्रकाश पंत, सुरेंद्र सिंह जीना, चंदन रामदास और मगनलाल शाह के परिवारों को टिकट दिया है, लेकिन ऐश्वर्या के मामले में भाजपा ने अन्याय किया है।
दरअसल कांग्रेस  केदारनाथ क्षेत्र में शैलारानी रावत की मृत्यु से उपजी सहानुभूति को अपने पक्ष में मोड़ने की रणनीति पर काम कर रही है। इसीलिए उसने अपनी पहली जनसभा में इस मुद्दे को मुख्य रूप से उठाया। इसमें कोई दो राय नहीं कि शैलारानी के समर्थकों में ऐश्वर्या को टिकट न मिलने से नाराजगी है  और कांग्रेस इस नाराजगी को अपने पक्ष में भुना लेना चाहती है।
कांग्रेस 2017 के चुनावों का मुद्दा भी उठा रही है, जब भाजपा नेत्री आशा नौटियाल ने बागी होकर चुनाव लड़ा था, जिससे शैलारानी रावत को हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा ने शैलारानी के परिवार को टिकट न देकर उनके साथ अन्याय किया है, जिससे महिला शक्ति का अपमान हुआ है।
कांग्रेस का छोड़ा यह रॉकेट भाजपा के खेमे में कितना धमाका कर पाएगा, यह अगले कुछ दिनों में साफ हो जाएगा। लेकिन इसमें कोई राय नहीं कि विधानसभा क्षेत्र में भाजपा समर्थक मतदाताओं से इतर शैलारानी रावत के व्यक्तिगत समर्थकों की ठीकठाक तादाद रही है। अगर इन समर्थकों ने ऐश्वर्या को टिकट न मिलने को प्रतिष्ठा से जोड़ते हुए कांग्रेस का हाथ थाम लिया तो इससे भाजपा की आशा नौटियाल के लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी।
अब यह देखना होगा कि भाजपा कांग्रेस के छोड़े ऐश्वर्या रॉकेट का जवाब कौन सा बम छोड़कर देती है।

 

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