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भट्रेठा पतलोट, एक छोटा सा गांव, लेकिन उम्मीदें यहां बड़ी थीं। आज यहां कुछ अलग था। चेहरे मुस्कुरा रहे थे, गांव की गलियों में एक खास हलचल थी ऐसा लगता था जैसे कोई त्योहार हो। और हां, ये एक तरह का लोकतांत्रिक त्योहार ही था, जिसमें लोग नारे नहीं, स्वागत के लिए आए थे।
ग्राम सभा भट्रेठा पतलोट में आज एक गरिमामय स्वागत समारोह का आयोजन किया गया। पहली बार गांव पधारे माननीय ब्लॉक प्रमुख के.डी. रूवाली का स्वागत ऐसे हुआ जैसे कोई अपने परिवार का सदस्य बरसों बाद लौट आया हो। मंच पर मौजूद थे ग्राम प्रधान प्रतिनिधि आन सिंह मटियाली, जेष्ठ प्रमुख सुमित नदगली, ग्राम प्रधान लीला त्रिपाठी और कई जनप्रतिनिधि चंद्र रूवाली, मुकेश परगई, रमेश पडिया, विनोद रौतेला, सुरेश जोशी, रमेश मटियाली, गैनियारो भुवन रूवाली।
कार्यक्रम की शुरुआत श्री रूवाली के कर-कमलों से हुई। उन्होंने अपने वक्तव्य में ना सिर्फ विकास की बातें कीं, बल्कि उस विकास को जमीन पर उतारने की प्रतिबद्धता भी दोहराई। दूरसंचार व्यवस्था को सुधारने, स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने और सरकारी योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का संकल्प लिया।
ये बातें सिर्फ भाषण नहीं थीं, क्योंकि यहां लोग सुनने नहीं, भरोसा करने आए थे। यहां तालियां सिर्फ शिष्टाचार के लिए नहीं, उम्मीद के लिए बजीं।
कार्यक्रम के अंत में जब मोहन चंद्र रूवाली, देवेंद्र सिंह मटियारी और हयात सिंह मटियाली ने मंच से सबका आभार जताया, तो ये सिर्फ धन्यवाद नहीं था यह उस साझी जिम्मेदारी का संकेत था, जो अब ग्रामसभा और प्रतिनिधियों के कंधों पर है।
सैकड़ों ग्रामीणों की उपस्थिति इस बात का सबूत थी कि लोकतंत्र का सबसे मजबूत रूप जमीनी स्तर पर ही दिखाई देता है। यहां कोई ‘शो’ नहीं था, कोई ‘इवेंट मैनेजमेंट’ नहीं था तो सिर्फ भरोसा, संवाद और एक नई सुबह की उम्मीद।

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