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कर्नल अनिमेष की बहन स्वाति सिंह ने लगाया गैरकानूनी निर्माण का आरोप

पिछौड़ा पर एक और मुकदमा भोपाल में दर्ज, बहन ने दर्ज कराया बंटवारा वाद

हल्द्वानी। हल्द्वानी में निर्माणाधीन विवादित पिछौड़ा हाउसिंग प्रोजेक्ट की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। विवादित पिछौड़ा डेवलपर्स और इसके डायरेक्टर पहले से ही तमाम कानूनी केस लड़ रहे हैं। ताजा मामले में पिछौड़ा के मालिक और इसके डायरेक्टरों के खिलाफ भोपाल की प्रिंसिपल एवं सेशन जज की अदालत में मुकदमा दर्ज हुआ है। पिछौड़ा की मालिक प्रीति सिंह के पति कर्नल अनिमेष सिंह की बहन स्वाति सिंह ने अदालत में कानूनन बंटवारा वाद दायर किया है। इस वाद के माध्यम से स्वाति सिंह ने पिछौड़ा की एक तिहाई सम्पत्ति पर अपना दावा पेश किया है।

उत्तराखंड जनादेश दमुआढूंगा बंदोबस्ती में बन रहे विवादित हाउसिंग अपार्टमेंट्स पिछौड़ा हाइट्स प्रोजेक्ट को लेकर लगातार समाचार प्रसारित कर रहा है। पिछौड़ा द्वारा विकसित किए जा रहे इस प्रोजेक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के साथ ही विभिन्न अदालतों में कई कानूनी विवाद चल रहे हैं। जबकि पिछौड़ा डेवलपर्स इन कानूनी विवादों को छिपाते हुए खरीदारों से अपार्टमेंट्स का सौदा और अनुबंध कर रहा है। यह रेरा के नियमों का सरासर उल्लंघन है और खरीदारों के साथ धोखाधड़ी भी। कर्नल अनिमेष सिंह की बहन मेजर निधि सिंह ने इस पूरे मामले में विभिन्न अदालतों में मुकदमा किया है। अब पिछौड़ा की मालिक समेत कंपनी के डायरेक्टरों के खिलाफ एक और कानूनी केस भोपाल की अदालत में दर्ज कराया गया है। इसमें वादी स्वाति सिंह ने अपने भाई कर्नल अनिमेष कुमार सिंह, अनिमेष की पत्नी और पिछौड़ा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड की डायरेक्टर प्रीति सिंह, दूसरे डायरेक्टर और बिल्डर सतवंत सिंह नरूला को प्रतिवादी बनाया है। कोर्ट में हिंदू उत्तराधिकार कानून के तहत दायर बंटवारा वाद में स्वाति सिंह ने कहा है कि उनके साथ ही उनकी बहन मेजर स्वाति सिंह और भाई कर्नल अनिमेष सिंह पिता की समस्त चल अचल संपत्ति के तीन ही कानूनी वारिस हैं। जबकि उनके भाई ने बेईमानी कर उनकी समस्त पैतृक चल व अचल सम्पति हड़प ली है। इसके साथ ही हल्द्वानी की विवादित सम्पत्ति पर गैरकानूनी रूप से व्यवसायिक निर्माण करने का आरोप लगाते हुए इंसाफ की गुहार लगाई है। उन्होंने अपनी पैतृक सम्पत्ति पर गैरकानूनी रूप से निर्माण करने का आरोप लगाते हुए निर्माण को ध्वस्त करने की भी मांग की है। इस मामले में कोर्ट का क्या फैसला आता है यह भविष्य में देखने वाली बात होगी। बहरहाल एक और कानूनी केस से पिछौड़ा डेवलपर्स की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। इधर, इस मामले में पिछौड़ा डेवलपर्स से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया। लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। क्रमशः

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