

हल्द्वानी ट्रांसपोर्ट नगर में सम्पन्न हुई जमीनी समाधान की बैठक
हल्द्वानी: ट्रांसपोर्ट नगर में आज कुछ अलग सा हुआ। बैठक हुई वही सरकारी बैठक, वही लोग, वही कुर्सियाँ। पर इस बार कुर्सियों पर बैठने वाले सिर्फ बैठे नहीं, उठे भी।
सिटी मजिस्ट्रेट और व्यापारी आमने-सामने थे, लेकिन इस आमने-सामने में टकराव नहीं, संवाद था। ट्रांसपोर्ट नगर के प्रभारी अश्मित गुजराल ने बीते समय में जिन समस्याओं को प्रशासन के सामने रखा था, उन पर बात शुरू हुई। पर सिर्फ बात नहीं हुई मुआयना भी हुआ। सिटी मजिस्ट्रेट खुद मौके पर पहुँचे। नालियों की सफाई होनी है, गंदे पानी का ट्रीटमेंट होना है, और इसके लिए आदेश मौके पर ही जारी कर दिए गए। अब सड़क पर खड़ी गाड़ियाँ नहीं दिखेंगी। सख्त आदेश है जो गाड़ी पार्किंग में नहीं, वह रोज चालान की रडार पर है। और जो गाड़ी अब बनेगी या कटेगी, वह सिर्फ तब जब परिवहन विभाग की अनुमति होगी और शुल्क भी तभी लगेगा। बैठक में एक बात बहुत साफ़ हुई व्यापारी और प्रशासन एक-दूसरे के विरोधी नहीं, पूरक हैं। जिला अध्यक्ष कुंदन बिष्ट ने इस सौहार्दपूर्ण बैठक के लिए सिटी मजिस्ट्रेट का आभार जताया और कहा कि अगर प्रशासन हर महीने इसी तरह बैठक करे, तो समस्याएँ कागज़ों में नहीं, ज़मीन पर हल होंगी। और जो बात दिल छू गई वो यह कि कुंदन बिष्ट ने सुझाव दिया कि कार्यालय में बैठे कर्मचारियों को अब सिर्फ फाइलें नहीं, ट्रांसपोर्ट नगर की जमीनी तस्वीर भी देखनी चाहिए। हर दिन निरीक्षण हो और हर दिन मजिस्ट्रेट को वस्तुस्थिति बताई जाए ताकि समस्या आते ही हल हो, न कि शिकायतों की गठरी बनकर वर्षों तक लटकी रहे।
बैठक में मौजूद नामों की फेहरिस्त लंबी है, और हर नाम के पीछे एक उम्मीद की कहानी है जसपाल कोहली, विशाल जुनेजा, अरविंदर पाल, परमजीत सिंह, गगनदीप सिंह, पंकज कुमार, कैलाश, अनीस अंसारी, हरजीत चड्डा, गुलवेज मालिक, नवीन कांडपाल, मिती गुजराल और कई अन्य व्यापारी बैठक का हिस्सा बने। इन नामों को आप भले ही न जानें, लेकिन शहर के ट्रांसपोर्ट सिस्टम में इनका नाम एक पायदान है जो सड़क पर गाड़ी से पहले चलता है। और अंत में सवाल य़ह है कि क्या ये बदलाव स्थायी होंगे? या फिर अगली बारिश में फिर वही गड्ढे, वही गंदगी, वही शिकायतें लौटेंगी?