हल्द्वानी। आज रविवार को हल्द्वानी मेडिकल कालेज के लेक्चर हाल में बच्चों में गठिया रोग विषय को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारम्भ कालेज के प्रधानाचार्य डॉ अरुण जोशी, चिकित्सा अधीक्षक डॉ जी एस तितलियाल, बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ ऋतु रखोलिया द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कार्यशाला में आयु विज्ञान संस्थान दिल्ली के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ नरेंद्र ने अपने विचार रखते हुए कहा कि बच्चों में किस प्रकार के लक्षण होने पर बाल रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही बच्चों में सिस्टेमेटिक लुयूक्स ऐरिथेमेटोसस बीमारी की नवीनतम ईलाज के बारे में चर्चा की, एस.एल ई. बीमारी में जोड़ों का दर्द व बुखार तथा शरीर में चकत्ते आदि की शिकायत रहती है। डॉ ऋतु रखोलिया ने 5 वर्ष के बच्चों में जोड़ों से सम्बन्धित जांचों तथा नवीनतम ईलाज के बारे में जानकारी साझा करी।
डॉ रखोलिया ने बताया लगभग एक हजार बच्चों में से एक बच्चा गठिया रोग से संक्रमित होता है, 1.4 मिलियन आबादी में अनुमानित 2.5 लाख बच्चे ग्रसित होते है, इनका ईलाज 2.3 साल से लेकर जिंदगी भर भी चल सकता है। उन्होंने बताया कि उपयुक्त ईलाज न मिलने पर बच्चों में जोड़ों में विकार आ जाता है, लंबाई कम हो जाती है व विकलांगता का प्रतिशत भी बढ़ जाता है, इसके अलावा आँखों की रोशनी भी जाने के शतप्रतिशत चांस होते है, किडनी व शरीर के बांकी अंगों में भी इसके खराबी आ सकती है। यदि शुरुआती तीन महीनों के भीतर बीमारी पकड़ में आने के साथ ही उपयुक्त ईलाज शुरू होने पर बच्चे की पूरी तरह स्वस्थ होने की संभावना बढ़ जाती है। कार्यशाला में डॉ परमजीत, डॉ अनिल, डॉ रवि, डॉ गुंजन, डॉ पूजा, डॉ प्रेरणा, डॉ प्रणय आदि ने अपने विचार रखे। कार्यशाला में कुमाऊँ के लगभग 45 चिकित्सकों ने प्रतिभाग किया।