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हल्द्वानी के राजनीतिक गलियारों में मची हलचल, दिन भर व्यापारी नेता चढ़े रहे लोगों की जुबान पर

हल्द्वानी: वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और व्यापारी नेता नवीन वर्मा की भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) में शामिल होने की अटकलों पर मंगलवार को अचानक ब्रेक लग गया। इस जॉइनिंग कार्यक्रम की चर्चा दिनभर लोगों की जुबान पर थी, लेकिन जब यह कार्यक्रम नहीं हुआ, तो राजनीतिक हलकों में कई सवाल खड़े हो गए। चर्चा यह थी कि आखिर किसके कहने पर या किस वजह से यह जॉइनिंग टाली गई, और कौन से बड़े नेता के इशारे पर व्यापारी नेता को भाजपा में शामिल करने से रोक लिया गया।

गौरतलब है कि नवीन वर्मा, जो प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं, मंगलवार को अपराह्न भाजपा में शामिल होने वाले थे। इसके लिए उनके सहयोगियों ने फेसबुक पर एक पोस्ट भी की थी और मीडिया कर्मी समय पर भाजपा कार्यालय पहुंच गए थे। लेकिन कार्यक्रम में देरी होती गई और बाद में यह सूचना आई कि जॉइनिंग कार्यक्रम की आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है। इस घटनाक्रम ने एक बड़ी राजनीतिक चर्चा को जन्म दिया, जो कि एक बड़ी खबर बनने से रह गई।

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हल्द्वानी नगर निगम की मेयर सीट के ओबीसी श्रेणी में रिजर्व होने के बाद यहां के राजनीतिक समीकरण अचानक बदल गए थे। इसके बाद ही नवीन वर्मा के भाजपा में शामिल होने की बातें जोर पकड़ने लगी थीं। इसके लिए उनके सहयोगियों ने मंगलवार को जॉइनिंग का दिन तय किया था, और सोशल मीडिया पर यह पोस्ट वायरल हो गई थी। इस खबर के फैलते ही शहर में अटकलों का बाजार गर्म हो गया था।

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सोशल मीडिया पर, जहां वर्मा के भाजपा में जाने पर बधाई देने वालों का तांता लग गया था, वहीं दूसरी ओर यह भी चर्चा होने लगी कि कांग्रेस के लिए सबसे मुश्किल वक्त में यह नेता भाजपा में जा रहे हैं। कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में तो यह भी कहा गया कि 74 वर्षीय इस नेता को भाजपा में लेकर पार्टी अपने लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है, क्योंकि उनके नेतृत्व में पार्टी की भद्द पीटने की तैयारी हो सकती है।

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