

गौला पुल से कूदा युवक, अस्पताल में तोड़ा दम
हल्द्वानी: गौला नदी की चुप्पी ने एक और कहानी अपने अंदर समेट ली। नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर में, गुरुवार दोपहर एक हिला देने वाली घटना ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। बनभूलपुरा थाना क्षेत्र स्थित गौला पुल से एक अज्ञात युवक ने अचानक छलांग लगा दी। नदी में गिरने की बजाय वह सीधे पत्थरों पर गिरा और गंभीर रूप से घायल हो गया।
लोगों ने मौके पर उसे तड़पते हुए देखा, लेकिन कोई कुछ कर नहीं सका। अंत में, उसे डॉ सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
घटना के वक्त युवक अकेला नहीं था स्थानीय लोगों की चर्चा के अनुसार, वह एक लड़की के साथ देखा गया था। लेकिन यह जानकारी अभी तक पुष्टि के दायरे में नहीं आई है। पुलिस के अनुसार, दोपहर के वक्त युवक पुल पर खड़ा था। कुछ ही क्षणों में वह रेलिंग पर चढ़ा और नदी में छलांग लगा दी। पुल पर मौजूद लोगों और एक वाहन सवार ने घटना होते देखी और तुरंत बनभूलपुरा पुलिस को सूचना दी। थानाध्यक्ष सुशील कुमार अपनी टीम के साथ कुछ ही समय में मौके पर पहुंच गए।
गौला नदी इस वक्त उफान पर है। युवक नदी के बीचों-बीच गिरा, और दोनों छोरों से पानी का बहाव इतना तेज था कि कोई भी सीधे वहां तक नहीं पहुंच सका।
स्थानीय प्रशासन ने तत्परता दिखाई पोकलैंड मशीन को नदी में उतारा गया, और कुछ लोग किसी तरह घायल युवक तक पहुंचे।
तब तक उसकी हालत बेहद नाजुक हो चुकी थी। लहूलुहान शरीर, टूट चुकी हड्डियाँ, और सांसों की लड़खड़ाती डोर। तुरंत उसे एंबुलेंस से डॉ सुशीला तिवारी अस्पताल लाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
थानाध्यक्ष सुशील कुमार का कहना है कि युवक की पहचान अब तक नहीं हो सकी है। शव को मोर्चरी में रखवाया गया है और शिनाख्त की कोशिशें जारी हैं।
घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने दावा किया कि युवक किसी युवती के साथ था यह एक संभावित प्रेम प्रसंग का संकेत देता है, लेकिन पुलिस अभी तक किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है।
यह घटना कई सवाल छोड़ जाती है क्या यह आत्महत्या थी या किसी दबाव में उठाया गया कदम? अगर युवक किसी लड़की के साथ था, तो क्या कोई विवाद हुआ था? क्या कोई उसे पहचानने आगे आएगा?
और सबसे बड़ा सवाल क्या हमारी व्यवस्था, हमारा समाज, हमारे परिवार आज भी किसी की टूटती हुई मानसिक हालत को समय रहते पहचान पाते हैं? क्योंकि हर पुल कोई मंज़िल नहीं होता, और हर छलांग ज़िंदगी से बाहर जाने का रास्ता नहीं। अगर आपके आस-पास कोई अकेला है, टूटा हुआ है, चुप रहने लगा है तो उसे सुने, उससे बात करें, और ज़रूरत पड़े तो मदद लें और दें।