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तीज पर विशेष तौर पर हरे रंग की मेहंदी, हरे परिधान, हरी चूड़ियां पहनने का है विशेष महत्व

हल्द्वानी। हरियाली तीज और रक्षाबंधन को लेकर बाजारों में विशेष तैयारी की जा चुकी हैं। हरियाली तीज के दिन बहनें और माताएं हरियाली का तीज का व्रत कर हरे रंग के परिधान, चूड़ियां पहन कर व मेहंदी लगाकर, सोलह श्रृंगार करके, सावन की कजरिया गाएंगी व झूला झूलेंगी। सावन का महीना और हरियालिका तीज हरे रंग से खासतौर पर जुड़ी हैं।
दरअसल, सावन का महीना शुरू होते ही हर तरफ हरियाली छा जाती है। सावन का महीना भगवान आशुतोष को अधिक प्रिय है। इस समय प्रकृति अपने पूरे सौंदर्य पर होती है। सावन मास में भगवान शिव को भी बेलपत्र, धतूरा, भंग, जैसी वस्तुएं अर्पित की जाती है। गौरतलब है कि सावन में महिलाएं भगवान शिव की आराधना करती है। इसी बीच में तीज का त्योहार पड़ता है। सनातन धर्म में हरा रंग सुहाग का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में मान्यता है कि सावन की हरियाली का तीज पर हरे रंग की चूड़ियां व परिधान पहनने से भगवान शिव व मां पार्वती प्रसन्न होते हैं और मनचाहे फल की पूर्ति होती है। इसको देखते हुए बाजारों में भी तैयारी पूरी है। परिधानों की दुकानें, चूड़ियों की दुकान व मेहंदी आर्टिस्ट पूरी तरह से तैयार है।

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फिरोजाबाद से आ रही चूड़ियां

इस बार सुहाग नगरी व चूड़ियों का शहर नाम से प्रचलित फिरोजाबाद में तैयार चूड़ियां बाजारों की रौनक बढ़ा रही है। रवि जनरल के संचालक नील कमल बताते है कि तीज पर सबसे ज्यादा कांच की चूड़ियां चलती है। डिमांड को देखते हुए फिरोजाबाद से कुंदन, जरकन, पोल्की डिजाइन के कड़े व चूड़ियां व इसके साथ ही जयपुर के जयपुरी कड़े व राजस्थान के लाख के कड़े मल्टी कलर में लोग पसंद कर रहे हैं। इसके साथ ही बाजार में इस बार बोरोसिल कांच महिलाओं और नवविवाहिताओं को खूब पसंद आ रहा है। बोरोसिल कांच में ट्रांसपेरेंट, लाइट, प्रिंटेड व मल्टीकलर चूड़ियों की बिक्री अत्यधिक है।

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