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हल्द्वानी। बनभूलपुरा हिंसा के मामले में जेल में बंद अब्दुल मलिक उसकी पत्नी और बेटे समेत 107 बंदियों में से एक को जमानत मिल गई है। बनभूलपुरा हिंसा के मामले में यह पहली जमानत है। आरोपी गंभीर बीमारियों से ग्रसित है। उसकी बढ़ती बीमारी के उपचार कराने का हवाला देते हुए न्यायालय अर्जी दायर की थी, जिसे न्यायालय ने मंजूर कर लिया है। शुक्रवार को आरोपी जमानत पर जेल से रिहा कर दिया गया। कंपनी बाग (मलिक का बगीचा) बनभूलपुरा निवासी तस्लीम कुरैशी पुत्र साबिर हुसैन बनभूलपुरा थाना और नगर निगम की ओर से दर्ज मुकदमे का आरोप है। उस पर बनभूलपुरा थाना फूंकने, वहां लूटपाट करने, नगर निगम कर्मियों को जान से मारने की कोशिश करने और नगर निगम के वाहनों को जलाने समेत कई आरोप हैं।
बता दें कि बनभूलपुरा हिंसा 8 फरवरी को तब भड़की थी, जब नगर निगम, प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी में कंपनी बाग से अतिक्रमण ढहाने गई थी। इस मामले में तीन मुकदमे दर्ज किए गए थे। जिसमें से दो में तस्लीम आरोपी है। तस्लीम की जमानत पर जमीयत उलेमा हिंद के सदर मौलाना अरशद मदनी ने बताया कि अधिवक्ता मनीष पांडे, विजय पांडे, दानिश और आसिफ इस मामले को देख रहे थे।
मामले की सुनवाई एडीजे प्रथम की कोर्ट हल्द्वानी में चल रही थी। जेल में लगातार बढ़ती बीमारी और उपचार का हवाला देते हुए कोर्ट में जमानत अर्जी लगाई गई, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। जेल अधीक्षक प्रमोद कुमार पांडेय ने बताया कि न्यायालय के आदेश के बाद 28 वर्षीय आरोपी तस्लीम को जेल से रिहा कर दिया गया है। वह कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित था।

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