धोखाधड़ी, बेईमानी, फर्जीवाड़े से तैयार हुई पिछौड़ा कंपनी की आधारशिला
पंजीकरण के दौरान लगाए फर्जी दस्तावेज, कंपनी के पंजीकरण पर ही उठे सवाल
हल्द्वानी। दमुआढूंगा बंदोबस्ती में विवादास्पद हाउसिंग अपार्टमेंट्स बना रही पिछौड़ा डेवलपर्स प्रा. लि. कंपनी की आधारशिला ही धोखाधड़ी, बेईमानी और फर्जीवाड़े से तैयार की गई थी। इस तथाकथित कंपनी ने पंजीकरण के दौरान कंपनी रजिस्ट्रार के कार्यालय में फर्जी दस्तावेज लगाए थे। यहां कंपनी ने भारत सरकार के साथ भी धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा किया और बतौर कंपनी रजिस्टर्ड हो गई। उत्तराखंड जनादेश की जांच-पड़ताल में इसका खुलासा हुआ है। इससे पिछौड़ा के कंपनी होने के दावे पर ही सवाल उठ खड़े हुए हैं।
पिछौड़ा डेवलपर्स प्रा. लि. कंपनी ने पंजीकरण के लिए काॅरपोरेट मामलों के मंत्रालय के कंपनी रजिस्ट्रार के कार्यालय में आवेदन किया था। इस दौरान कंपनी ने रजिस्ट्रार कार्यालय में फर्जी दस्तावेज जमा किए। कंपनी और इससे जुड़े लोगों ने भारत सरकार तक को गुमराह करते हुए फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए। इसके आधार पर कंपनी रजिस्ट्रार कार्यालय ने पिछौड़ा कंपनी को पंजीकृत कर लिया। इस पूरे फर्जीवाड़े, बेईमानी और धोखाधड़ी के खेल में कर्नल अनिमेष सिंह, पत्नी प्रीति सिंह और अनिमेष के ससुर महावीर सिंह शामिल रहे। इन लोगों ने कंपनी पंजीकरण के दौरान कर्नल अनिमेष की बहन स्वाति सिंह के फर्जी हस्ताक्षरों का सहारा लिया। स्वाति सिंह का कहना है कि उनके पति से कानूनी विवाद के दौरान भाई कर्नल अनिमेष सिंह उनके घर आया था। इस दौरान उसने कानूनी केस में मदद का भरोसा देकर कुछ सादे पन्नों पर उसके हस्ताक्षर ले लिए। उनका आरोप है कि कंपनी के पंजीकरण के दौरान उनके हस्ताक्षरयुक्त पन्नों का दुरुपयोग किया गया। कूटरचित दस्तावेजों में उनके कूटरचित और छद्म हस्ताक्षर तैयार किए गए। उनका कहना है कि इन लोगों ने न सिर्फ उनके साथ बल्कि भारत सरकार के साथ भी धोखाधड़ी, बेईमानी और फर्जीवाड़ा किया है। इस खुलासे के बाद विवादित पिछौड़ा के कंपनी होने के दावे की असलियत पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। पीड़ित स्वाति सिंह ने नई दिल्ली के नेहरू प्लेस पुलिस स्टेशन में इस आशय की शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने आरोपियों पर कानूनी कार्रवाई की मांग की है। इधर, आरोपियों से इस मामले में उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। यहां गौरतलब है कि निचली अदालतों से लेकर नैनीताल हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में विवादों को लेकर कई केस चलने के बावजूद पिछौड़ा कंपनी खरीदारों से हाउसिंग अपार्टमेंट्स का सौदा कर रही है। खरीदारों से अनुबंध में कानूनी विवादों की स्थिति को छिपाते हुए खरीदारों के साथ धोखाधड़ी की जा रही है। यह रेरा कानून का सरासर उल्लंघन भी है। क्रमशः