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हल्द्वानी: नानकमत्ता गुरुद्वारे साहेब के डेरा कार सेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह के हत्यारों का एनकाउंटर होना लगभग पहले से ही तय माना जा रहा था। 28 मार्च को हुए इस हत्याकांड के 12 दिन बाद 3 बार शूटरों पर इनाम की धनराशि को बढ़ाना और हत्याकांड के वक्त एसएसपी की वायरल वीडियो कॉल के कई मायने निकाले जा रहे हैं, वहीं यह भी तय है कि इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने वाले हत्यारों को सबक सिखाने का मन ऊधमसिंह नगर पुलिस बना चुकी थी। बता दे कि 28 मार्च की सुबह 6 बजे नानकमता डेरा कार सेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की बाइक सवार सिख व्यक्तियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्याकांड के बाद से ही पुलिस ने शूटर अमरजीत सिंह और सर्वजीत सिंह पर 25 हजार रुपये की इनाम की धनराशि बढ़ाकर पचास हजार रुपए और फिर एक लाख रुपये घोषित कर दी थी। वहीं घटनास्थल के वक्त मौका मुआयना करने के दौरान एसएसपी मंजूनाथ टीसी किसी से फोन पर बात कर रहे थे कि अब गिरफ्तारी नहीं होगी। यह वायरल वीडियो कॉल कई सवाल छोड़ रही थी।
चर्चा है कि एसएसपी किसी और प्रकरण में वार्ता कर रहे होंगे। लेकिन कई लोगों का मानना है कि एसएसपी घटनास्थल पर खड़े होकर हत्याकांड के संबंध में ही वार्ता कर रहे होंगे। मामला जो भी हो, लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि दिनदहाड़े शूटरों ने बाबा की हत्या कर प्रदेश में सनसनी फैलाने का कार्य करते हुए ऊधमसिंह नगर पुलिस को भी चुनौती दे दी थी। शूटर एक पेशेवर अपराधी थे और कहीं न कहीं प्रदेश में उनकी आवाजाही अपराध को बढ़ावा दे सकती थी। एसटीएफ के एनकाउंटर के बाद एक पेशेवर अपराधी का अंत माना जा सकता है। बावजूद इन सभी पहलुओं पर गौर करें तो यह तो तय था कि शूटरों की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि जिले के पुलिस उनका एनकाउंटर का मन बना चुका थी।

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