ख़बर शेयर करें -

हल्द्वानी। कोहरे के कोहराम का कहर आज से जारी हो गया है। लेटनाइट सफर करने वालों को इससे सुरक्षित रखने के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से पुख्ता तो छोड़िये कोई सामान्य इंतजाम भी नहीं किया गया है। कोहरे के कहर से बचाने के बजाय लोगों को साइलेंट किलर के हवाले कर दिया गया है। कोहरे के कहर की यदि बात की जाए तो उत्तर प्रदेश के कई शहरों में जनहानि होना शुरू हो गई है। जबकि कई शहरों में कोहरे के दौरान आपस में गाड़ियों के भिड़ने का आंकड़ा भी बड़ रहा है। लेकिन उत्तराखण्ड पुलिस ने पड़ोसी राज्यों से कोई सबक नहीं लिया। बीते तीन चार दिनों से कोहरे की बाते कहीं जा रही थी। आज शुक्रवार रात्री आठ बजे के बाद कोहरे ने दस्तक दे दी हैं।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड के दो दर्जन से अधिक प्राईवेट अस्पतालों की एनओसी हुई सीज

बहुत जरूरी हो तभी निकले घर से बाहर

कोहरे में ज्यादातर सड़क हादसे होने का खतरा बना रहता है। बात अगर हल्द्वानी की यातायात व्यवस्था को व्यवस्थित करने के लिए सिग्नलों, चौराहा पर लगी रेड या ग्रीन लाईट की करे तो लाखों करोड़ो खर्च करने के बाद भी य़ह शोपीस ही बनी हुई है। नगर की मुख्य सड़कों की यदि बात की जाए तो कोहरे के दौरान लोगों को सावधान करने के लिए कोई इंतजाम ही नहीं किए गए हैं। चीता व यातायात पुलिस भी कोहरे के खौफ के चलते चौराहा और तिराहो से नदारत हैं। ऐसे में हमारा तो यही कहना है कि बहुत जरूरी हो तो ही कोहरे में घर से बाहर निकले, क्योंकि जिंदगी न मिलेगी दोबारा ।

यह भी पढ़ें 👉  कार पेड़ से टकरायी एक की मौत, एक घायल

ये है साइलेंट किलर

कोहरे के दौरान जिन्हें साइलेंट किलर गाड़ी चालक मानते हैं कि उनमें सबसे पहले नंबर पर हाइवे पर कोहरे के दौरान पथ प्रकाश व्यवस्था का ना किया जाना है। घने कोहरे कोहरे के दौरान हाइवे पर लाइट न होने के चलते अक्सर गाड़ियां भिड़ती हैं, खासकर वो गाड़ियां जिनकी हेड या बैक लाइटें खराब होती हैं। कई बार कोहरा इतना ज्यादा घना होता है कि रोड पर चलते- चलते अचानक खड़े हो जाने वाले वाहनों का आभास ही नहीं हो पाता है। रोड पर लाइट न होने के चलते जब हाईवे पर खड़ा वाहन नजर आता है तब तक गाड़ी उससे जा टकराती है।

Advertisement
Ad Ad Ad Ad Ad Ad

Comments

You cannot copy content of this page