केदारनाथ में फंसे हज़ारों यात्री, रेस्क्यू जारी
मानसूनी बारिश उत्तर से लेकर दक्षिण तक कहर बरपा रही है केरल के वायनाड में भूस्खलन से अब तक जहां 177 लोगों की जान जा चुकी है , वहीं उत्तराखंड में बुधवार की देर रात से वीरवार तक 8 लोगों की मौत वर्षा जनित हादसों में हो चुकी है। हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से आयी तबाही ने पांच लोगों की जान ले ली है। सैकड़ों लोग अब भी लापता है। देशभर अब तक जुलाई माह में समान्य से 9 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने अगस्त और सितम्बर में समान्य से और अधिक वर्षा का अनुमान जताया है।
उत्तराखंड में बुधवार की रात हुई मूसलाधार बारीश और बादल फटने जैसी घटना के कारण सोनप्रयाग- गोरीकुंड नेशनल हाईवे से केदारनाथ धाम तक जाने वाले पैदल मार्ग पर दो हजार से अधिक श्रद्धालुओं के फंसे होने की सूचना है। वीरवार को इन्हें राज्य सरकार के हेलिकाप्टर से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का कार्य शुरू हो गया। इसके अलावा केदारनाथ धाम में भी लगभग डेढ़ हजार श्रद्धालु फंसे है जिसके रेस्क्यू के लिए वायु सेना के एमआई 17 और चिनूक हेलीकाप्टर गौचर पहुंच चुके है। आज शुक्रवार को उन्हें इन हेलीकॉप्टरों से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का कार्य शुरू हो गया है। वहीं एसडीआरएफ ने बताया कि केदारनाथ पैदल मार्ग पर थारू कैंप के पास विशाल बोल्डरों के नीचे दबे चमोली निवासी गिरीश को करीब 9 घण्टे के बाद सुरक्षित निकाल लिया गया। जबकि एक व्यक्ति मृत पाया गया।
बता दें कि बुधवार की रात को भारी बारिश के कारण सोनप्रयाग और गौरी कुंड के बीच केदारनाथ नेशनल हाईवे का करीब 150 मीटर हिस्सा वाशआउट हो गया। इसी तरह केदारनाथ जाने वाला पैदल मार्ग भी भीमबली, लिचोली और रामबाड़ा के बीच कई स्थानों पर वॉशआउट हो गया। इस कारण केदारपुरी यानी बाबा के धाम और भीमबली, लिचोली के आसपास क्षेत्र में हज़ारों श्रद्धालु फंस गए। वीरवार को रेस्क्यू आप्रेशन के दौरान एसडीआरएफ और एनडीआरएफ ने लगभग 3500 श्रद्धालुओं को चट्टानों के बीच संकरे रास्ते से सुरक्षित सोनप्रयाग तक पहुंचाया। इसके बावजूद भीमबलि और लिचोली में फंसे की 500 से 700 श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकालने के लिए हेलिकाप्टर की मदद लेनी पडी। रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन के अनुरोध पर राज्य सरकार ने पांच हेलिकॉप्टरों को रेस्क्यू आप्रेशन में लगाया। सचिव आपदा विनोद कुमार सुमन में बताया कि हेलिकॉप्टरो की मदद से भीमबलि और लिचोली से बीरवार को 150 श्रद्धालुओं को सुरक्षित गुप्तकाशी लाया जा चुका है अभी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। सचिव ने बताया कि इसके अतिरिक्त केदारनाथ धाम में 1000 से 1500 श्रद्धालुओं के फंसे होने की सूचना है। सभी श्रद्धालू सुरक्षित हैं और अधिकांश होटलों में रह रहे हैं। उन्हें केदारनाथ धाम से बाहर निकालने के लिए बायु सेना से दो एमआई 17 हेलिकॉप्टर की मांग की गई थी। वायु सेना ने एक एमआई और एक चिनूक हेलिकाप्टर उपलब्ध कराया है।