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हल्द्वानी: हल्द्वानी नगर निगम के मेयर पद पर हुए चुनाव के परिणाम चाहे किसी भी पार्टी के पक्ष में आएं, लेकिन निवर्तमान मेयर जोगेंद्र पाल सिंह रोतेला के कार्यों और उनकी शैली ने पिछले दस वर्षों में जो मुकाम हासिल किया, वह किसी भी नये मेयर के लिए एक बड़ी चुनौती साबित होगा। रोतेला ने शहर के विकास में अहम योगदान दिया है, और उनकी मेहनत के परिणामस्वरूप उन्होंने हल्द्वानी नगर निगम में स्थायी बदलाव किए, जिन्हें भुला पाना मुश्किल होगा।

हालांकि, नगर निगम हल्द्वानी के मेयर पद के चुनाव के परिणाम शनिवार को मतगणना के बाद ही स्पष्ट होंगे, और यह पता चलेगा कि मतदाताओं ने भाजपा के डबल इंजन सरकार को और अधिक समर्थन दिया या कांग्रेस को इस सीट पर इतिहास दोहराने का मौका दिया। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपने-अपने दमखम के साथ प्रत्याशियों को मैदान में उतारा। भाजपा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का रोड शो कराया और केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा, सांसद अजय भट्ट, विधायक बंशीधर भगत जैसे बड़े नेताओं को प्रचार में शामिल किया। वहीं, कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के आखिरी दिनों में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और विधायक सुमित हृदयेश को प्रचार की बागडोर दी।

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भाजपा के उम्मीदवार गजराज ने अपने भाषण में कहा कि उन्हें शहर की फिजा बिगाड़ने वालों का वोट नहीं चाहिए, जिससे उन्होंने बनभूलपूरा दंगे के आरोपियों की ओर इशारा किया। वहीं, कांग्रेस के उम्मीदवार ललित ने अपने 33 वर्षों के संघर्ष की कहानी मतदाताओं के सामने रखी और विपक्ष के आरोपों का सही तरीके से जवाब दिया।

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हालांकि, चुनाव परिणाम चाहे जो भी हों, निवर्तमान मेयर जोगेंद्र पाल सिंह रोतेला के योगदान को शहरवासी कभी नहीं भूल सकते, और उनके द्वारा किए गए कार्यों का प्रभाव लंबे समय तक बना रहेगा।

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