हल्द्वानी एसीजेएम कोर्ट ने दर्ज किया फौजदारी परिवाद
विवादित हाउसिंग प्रोजेक्ट बना रहे डेवलपर्स को एक और झटका
गौरव पांडेय
हल्द्वानी। दमुआढूंगा बंदोबस्ती में विवादित हाउसिंग प्रोजेक्ट बना रहे पिछौड़ा डेवलपर्स पर एक और कानूनी शिकंजा कस गया है। हल्द्वानी स्थित एजीजेएम अखिलेश कुमार पांडेय की अदालत ने दंड प्रक्रिया संहिता के तहत पिछौड़ा डेवलपर्स और इसके डायरेक्टरों के खिलाफ परिवाद दर्ज कर लिया है। एक और कानूनी केस दर्ज होने से विवादित प्रोजेक्ट बना रहे पिछौड़ा डेवलपर्स को एक और झटका लगा है।
पिछौड़ा डेवलपर्स के कर्ताधर्ता और मुख्य सूत्रधार कर्नल अनिमेष की बहन निधि सिंह ने हल्द्वानी के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 156 की उपधारा तीन के तहत विपक्षियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। आरोप है कि विपक्षीगणों द्वारा भू-संपदा विनियमन और विकास अधिनियम 2016 के उपबंधों के अधीन बनाए गए उत्तराखंड रियल इस्टेट नियम की धारा आठ का उल्लंघन
किया गया है। वादी पक्ष के अधिवक्ता की बात सुनने और पत्रावलियों के परिशीलन के बाद अदालत ने परिवाद दर्ज करने का आदेश दिया है। इससे पहले अदालत ने माना कि भू-संपदा विनियमन और विकास अधिनियम 2016 की धारा 80 में लिखित परिवाद के आधार पर कार्यवाही और संज्ञान का उपबंध किया गया है। अपने आदेश के तहत अदालत ने कहा है कि दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 156 की उपधारा तीन के तहत दायर प्रार्थनापत्र को परिवाद के रूप में दर्ज कर दंड प्रक्रिया संहिता के अध्याय 15 में वर्णित उपबंधों के अनुसार कार्यवाही न्यायोचित है। इसके साथ ही अदालत ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 200 के तहत पत्रावली वास्ते बयान तलब करते हुए अगली कार्यवाही 22 मार्च को मुकर्रर की है।
गौरतलब है कि पिछौड़ा डेवलपर्स दमुआढू्रंगा बंदोबस्ती में हाउसिंग प्रोजेक्ट का निर्माण कर रहा है। इसके साथ ही खरीदारों और निवेशकों से अनुबंध कर धनराशि वसूली जा रही है। इसके इतर पिछौड़ा डेवलपर्स और इसके डायरेक्टरों के खिलाफ निचली अदालतों से लेकर नैनीताल हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में 13 कानूनी मुकदमे चल रहा हैं। इन कानूनी विवादों को अनुबंध में छिपाते हुए डेवलपर्स खरीदारों को इस संबंध में गुमराह कर धोखाधड़ी कर रहा है। इस मामले में उत्तराखंड जनादेश की टीम लगातार खबरें प्रसारित कर जनता को जागरूक कर रही है।