बड़े राजनीतिक घटनाक्रम की आहट
देहरादून। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस भले ही सरकार बचाने में सफल रहीं, लेकिन राजनीतिक उठा पटक अभी थमी नही। कांग्रेस से निष्कारित 6 विधायकों के साथ तीन निर्दलीय और भाजपा के दो विधायक इस वक्त उत्तराखंड में शरण लिए हुए है। बताया गया कि शुक्रवार को वे शिमला से चार्टर्ड प्लेन से देहरादून लाए गए, जहां से उन्हें ऋषिकेश से ऊपर बदरीनाथ मार्ग पर स्थित एक लक्जरी होटल में ले जाकर ठहराया गया है। सूत्र बता रहे है कि हिमाचल प्रदेश में अगले कुछ दिनों में बड़ा राजनीतिक उलटफेर संभावित है। कांग्रेस में बड़ी टूट की संभावना जताई जा रही है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस से निष्कारित विधायक सुधीर शर्मा, रजिंदर राणा, इंद्र दत्त लखनपाल, रवि ठाकुर, देवेंद्र भुट्टो और चैतन्य शर्मा भाजपा के साथ मिल कर इसके लिए लाबिंग कर रहे है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के कुछ और विधायक इनके संपर्क में है। निष्कारित कांग्रेस विधायकों ने स्पीकर के फैसले को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दी है, जिस पर इस हफ्ते सुनवाई होनी है। इसके पहले वे भाजपा विधायक विक्रम ठाकुर और त्रिलोक जामवाल के साथ तीन निर्दलीय विधायकों को लेकर शुक्रवार को विशेष विमान से देहरादून पहुंचे। फिलहाल उन्हें ऋषिकेश से ऊपर बदरीनाथ मार्ग स्थित एक होटल में ठहराया गया है। इसका इंतजाम उत्तराखंड की भाजपा सरकार कर रही है। यहीं से ये सभी दिल्ली ले जाए जाएंगे। सूत्रों का कहना है कि इन विधायकों को पहले गुड़गांव या फरीदाबाद रूकवाने की बात हो रही थी, लेकिन काग्रेस के नेता ट्रैस कर लेते, इस संभावना के चलते उन्हें देहरादून लाया गया है। इन विधायकों के जरिए हिमाचल में भी कर्नाटक, मध्य प्रदेश, अरूणाचल और उत्तराखंड जैसी राजनीतिक घटनाक्रम को अंजाम देने का प्रयास किया जा रहा है। 68 सदस्यीय हिमाचल प्रदेश विधानसभा में काग्रेस 40 विधायकों के साथ सत्ता में पहुंची थी, लेकिन राज्यसभा चुनाव में क्रास वोटिंग करने वाले छह विधायकों को निष्कासित कर दिया गया है। इसके बाद अब विधानसभा में 62 सदस्य रह गए है, जिसमें कांग्रेस के 34,भाजपा के 25 और तीन निर्दलीय विधायक है। तीनों निर्दलीय इस वक्त भाजपा के खेमे में है। हालांकि सत्ता हथियाने के लिए भाजपा को कांग्रेस के करीब 22 विधायकों को तोड़ना पड़ेगा। वैसे कुछ कांग्रेस विधायकों का इस्तीफा करवा कर भी राज्य में राजनीतिक हालात बदले जा सकते है। राज्य सभा चुनाव के दौरान हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के कुछ विधायकों ने पार्टी व्हिप के खिलाफ जाकर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में क्रास वोटिंक की थी। इनके साथ तीन निर्दलीय विधायकों ने भी भाजपा प्रत्याशी को वोट किया था, जिसके चलते कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनू सिंघवी को हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस ने क्रास वोटिंग करने वाले विधायकों के खिलाफ स्पीकर से शिकायत की। स्पीकर के दल बदल कानून के तहत इन छह कांग्रेस विधायको की सदस्यता खत्म कर दी।