सूरत। देश में परिवर्तन लाना जरूरी है। बच्चे मोबाइल फोन से न जानने वाली बाते सीख रहे है। इससे जुड़े अनेक मामले रोजाना अखबारों में छप रहे है। इसके पीछे मां-बाप की कमी है। समर्पण टेक्नो स्कूल की ओर से आयोजित नाटक कार्यक्रम में सवजी धोलकिया ने कहा कि यदि आप चाहते है कि 20 साल बाद आपके घर में पागल न पैदा हो तो अभी से मोबाइल के इस्तेमाल पर नियंत्रण करो। उन्होंने कहा कि बच्चे बाप से आलस्य और मां से गालियां सीख रहे है। इसमें किसी की गलती निकालने की जरूरत नहीं है। आपके घर के माहौल पर सारा दारोमदार टिका हुआ है। धोलकिया ने कहा कि मैं आप सबको गंभीर बातें बता रहा इसे बहुत सोच-समझकर कह रहा हूं। लोग हमारी बात मानें यह जरूरी नहीं है। इसके बावजूद मैं कहना चाहता हूं कि हम सभी परिवार के साथ रहते है, बच्चों के साथ खेलते है। मेरी बात याद रखना, 20 साल बाद हर घर में एक व्यक्ति पागल होगा। आज हर आदमी डिप्रेशन में जी रहा है। मोबाइल फोन आदमी को पागल बना रहा है। धोलकिया ने कहा कि हमारी कंपनी में हर जाति और हर कैटेगरी के आदमी काम करते है। उनके साथ रहते हुए मुझे यह अनुभव हुआ है। आज बच्चों की नहीं बल्कि अभिभावकों को बहुत कुछ सिखने की जरूरत है। दुनियां बदल रही है, लोगों की आदतें और विचार बदल रहे है। समय के साथ हमें भी बदलने की जरूरत है। जो नहीं बदलेंगे वे बहुत पीछे रह जाएंगे। टेक्नोलॉजी की इस्तेमाल करें पर एक सीमा में।
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