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कांग्रेस के वरिष्ट नेता राहुल गांधी चाहते थे कि हरियाणा से उनके 2 करीबी विश्वासपात्र, रणदीप सिंह सुर्जेवाला और दीपेंद्र सिंह हुड्डा लोकसभा चुनाव लड़े। सुर्जेवाला ए.आई.सी.सी. के मध्य प्रदेश के प्रभारी महासचिव हैं और उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गई है। जब वह विधानसभा चुनाव हार गए तो राहुल गांधी ने उन्हें राजस्थान से राज्यसभा सीट से पुरस्कृत किया। इसी तरह, 2019 में अपनी लोकसभा सीट हारने वाले दीपेंद्र सिंह हुड्डा को भी राज्यसभा सीट से नवाजा गया। हालांकि कई लोग कहते हैं कि वह राहुल नहीं अपितु प्रियंका गांधी के करीबी हैं लेकिन राहुल गांधी पार्टी के निर्विवाद नेता हैं और उनकी हुकूमत चलती है। अब राहुल गांधी चाहते हैं कि हरियाणा के ये दोनों दमदार युवा नेता लोकसभा का चुनाव लड़ें लेकिन हालात बदल गए हैं, क्योंकि राजस्थान में भाजपा की सरकार है। वे दिन गए जब कांग्रेस ने राजस्थान से तीनों राज्यसभा सांसदों की जीत आसानी से सुनिश्चित कर ली थी, लेकिन कांग्रेस हार गई और अगर उपचुनाव हुआ तो भाजपा राज्य में राज्यसभा सीट जीतेगी। इसी तरह दीपेंद्र सिंह हुड्डा 2024 में रिटायर नहीं हो रहे हैं और अगर इस सीट पर उपचुनाव होता है तो भाजपा-जेजेपी गठबंधन जीतेगा। क्या कांग्रेस लोकसभा के बदले राज्ससभा की 2 सीटेें खोने का जोखिम उठाएगी? इसलिए हरियाणा में कांग्रेस को दीपेेंद्र सिंह हुड्डा की जगह रोहतक में नया चेहरा ढूंढता होगा।

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