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महानगर में मान्यता नियमों के खिलाफ चल रहे कई पब्लिक स्कूल
विद्यार्थियों को मिलने वाली सेवा-सुविधाओं के साथ ही सुरक्षा मानकों से किया जा रहा खिलवाड़

हल्द्वानी। महानगर में पब्लिक स्कूलों की भरमार है। पब्लिक स्कूलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसके इतर कई स्कूल सीबीएसई के मान्यता नियमों के खिलाफ चल रहे हैं। ये स्कूल सीबीएसई के जरूरी मान्यता नियमों की लगातार अनदेखी करते आ रहे हैं। इससे स्कूलों में पठन-पाठन तो प्रभावित हो ही रहा है। उनके सुरक्षा मानकों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। साथ ही विद्यार्थियों के भविष्य पर भी संशय के बादल मंडरा रहे हैं।
हल्द्वानी महानगर दिनोंदिन विस्तार लेता जा रहा है। इसके साथ ही महानगर में पब्लिक स्कूलों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी होती जा रही है। वर्तमान में महानगर में 50 से अधिक निजी पब्लिक स्कूल चल रहे हैं। साल दर साल इनकी संख्या भी बढ़ती जा रही है। कई स्कूल सीबीएसई के मान्यता नियमों के खिलाफ चल रहे हैं। विद्यार्थियों को मिलने वाली बुनियादी सेवा और सुविधाओं का मामला हो या फिर सुरक्षा का। पब्लिक स्कूल जरूरी नियम-कायदों की अनदेखी कर रहे हैं। इससे सीबीएसई के साथ ही राज्य के शिक्षा विभाग और शासन-प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।

पब्लिक स्कूलों में अभिभावकों का हो रहा आर्थिक शोषण


हल्द्वानी। महानगर के पब्लिक स्कूलों में अभिभावकों का खुलेआम आर्थिक शोषण हो रहा है। इन स्कूलों में फीस का एक तय ढांचा तक नहीं है। स्कूल संचालक अभिभावकों से मनमाने रूप से मोटी फीस वसूल रहे हैं। विद्यार्थियों से मोटा पंजीकरण शुल्क लेने के साथ ही ट्यूशन फीस भी हजारों में होती है। इससे अभिभावकों को दोहरी आर्थिक मार पड़ती है। इसके अलावा भी साल भर विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रमों और आयोजनों के नाम पर अभिभावकों से मोटी धनराशि वसूल की जाती है।

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एनसीईआरटी लागू होने के बाद भी चल रहीं निजी प्रकाशकों की किताबें


हल्द्वानी। पब्लिक स्कूलों में एनसीईआरटी के नियम-कायदों का भी खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। एनसीईआरटी का सिलेबस लागू होने के बाद भी पब्लिक स्कूलों में निजी प्रकाशकों की किताबें भी मंगाई जा रही हैं। निजी प्रकाशकों की किताबें एनसीईआरटी की तुलना में कई गुना महंगी होती हैं। पब्लिक स्कूल संचालक यहां भी अभिभावकों की जेब काटने से गुरेज नहीं कर रहे हैं।

एक मान्यता पर चल रहे तीन-तीन स्कूल


हल्द्वानी। महानगर में स्कूलों की मान्यता को लेकर बड़ा खेल चल रहा है। यहां एक ही मान्यता पर अलग-अलग तीन-तीन स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। इस स्कूल की एक ही मान्यता होने के बाद भी दो अन्य स्थानों पर इसी नाम से दो और स्कूल खोल दिए गए। कायदे के अनुसार इन अलग-अलग स्कूलों की अलग-अलग मान्यता होनी चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं है। संचालक एक ही मान्यता के आधार पर तीन-तीन स्कूलों का संचालन कर रहे हैं।

मान्यता नियमों के खिलाफ चल रहे 10 सीबीएसई स्कूलों पर गिरी गाज

हल्द्वानी। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन यानी सीबीएसई ने मान्यता नियमों के खिलाफ चल रहे स्कूलों पर बड़ी कार्रवाई की है। देहरादून रीजनल के 10 स्कूलों की दसवीं और बारहवीं की मान्यता रद्द कर दी है। इनमें हल्द्वानी से लेकर किच्छा, रामनगर, हरिद्वार, देहरादून और उत्तरकाशी के स्कूल शामिल हैं।

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जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड और यूपी के ये सभी स्कूल जनरल मान्यता पर संचालित हो रहे थे। स्कूल द्वारा बोर्ड परीक्षाएं भी नियमित तौर पर नहीं हुई थी। इसके अलावा स्कूल मान्यता के नियमों को भी पूरा नहीं कर रहा था। इसके अलावा कई और तरह से स्कूलों में मान्यता की नियम एवं शर्तों का उल्लंघन हो रहा था। सीबीएसई के संयुक्त सचिव एफिलिएशन ने इन सभी स्कूलों की मान्यता रद्द करने के आदेश जारी किया है। इस आदेश की एक प्रति संबंधित शिक्षा विभाग के अधिकारी और सीबीएसई दून रीजनल के क्षेत्र अधिकारी डॉ रणवीर सिंह को भी दी गई है।

इन 10 स्कूलों की मान्यता की गई खत्म

रामशरण सिंह विद्यालय, बिजनौर, यूपी

परम पब्लिक स्कूल, नजीबाबाद रोड, बिजनौर, यूपी

देव ऋषि विद्यापीठ, शाहदाबीर, शाहपुर, मुजफ्फरनगर, यूपी

बीर शीबा रेजिडेंशियल स्कूल किच्छा, यूएसनगर

स्प्रिंग डेल स्कूल, काठगोदाम, हल्द्वानी

बाल भारती सीनियर सेकेंड्री स्कूल, रानीपुर, हरिद्वार

न्यू हॉरिजन इंटरनेशनल स्कूल, मालसी, देहरादून

गणेश दत्त सरस्वती विद्या मंदिर, उत्तरकाशी,

आरएमपी स्पोर्ट्स एकेडमी, नारसन, हरिद्वार

श्री डीडी छिनवाल पब्लिक स्कूल, रामनगर, नैनीताल।

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