

लालकुआँ: जहाँ सूखा और महंगाई की मार ने किसानों की कमर तोड़ दी है, वहीं नैनीताल आँचल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड ने अपने उत्पादकों को संबल देने का काम किया है। ये सिर्फ बोनस नहीं, ग्रामीण आत्मनिर्भरता की वो गूंज है जो पहाड़ की वादियों में गूंज रही है।
हैडाखान और जमरानी क्षेत्र की 15 दुग्ध समितियों को 9,53,396 रुपये का बोनस और ज़रूरतमंद उत्पादकों को 1,20,000 रुपये की सहायता राशि देकर संघ ने एक बार फिर दिखा दिया कि जब संस्थाएं ईमानदार होती हैं, तो नतीजे खेत और खलिहान तक पहुँचते हैं।
कार्यक्रम में अध्यक्ष मुकेश बोरा का शॉल ओढ़ाकर और फूलों से स्वागत किया गया ये सम्मान उस विश्वास का प्रतीक है, जो वर्षों की मेहनत और ईमानदारी से अर्जित होता है। अध्यक्ष श्री बोरा ने कहा हमारे दुग्ध उत्पादक ही हमारी रीढ़ हैं। उनकी समृद्धि ही हमारी सफलता है।
रामनगर क्षेत्र की 6 समितियों को भी 8,99,692 रुपये का बोनस और 52,000 रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई। इन आँकड़ों में सिर्फ पैसे नहीं हैं, इनमें उम्मीदें हैं, सपने हैं, और हैं उन हाथों की मेहनत की खुशबू, जो रोज़ सुबह दूध लेकर निकलते हैं गाँव से शहर की ओर।
कार्यक्रम में उत्कृष्ट दुग्ध उत्पादकों को भी सम्मानित किया गया। और यह सम्मान दिखाता है कि मेहनत को पहचानना भी एक सामाजिक कर्तव्य है।
डॉ. हरीश सिंह बिष्ट और जिला पंचायत सदस्य कमलेश भट्ट जैसे जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी ने इस आयोजन को और भी सार्थक बना दिया। संचालन कर रहे अरुण चंद्र मिश्रा और मुन्नी आर्या ने जैसे पूरे कार्यक्रम को गाँव की मिट्टी की सादगी और अनुशासन में पिरो दिया।
बोनस वितरण कार्यक्रम में कई नामचीन चेहरे मौजूद रहे, लेकिन असली चेहरे वे थे जिनके हाथों में दूध के कनस्तर थे, और जिनकी आँखों में भविष्य की चमक।
ये खबर सिर्फ बोनस की नहीं है ये उस भरोसे की है जो किसी शहर के चमकते मॉल में नहीं, बल्कि गाँव के दूध से भीगे बरतन में पलता है।