

21 दिन बिना चीनी: शरीर और मन पर मीठी आदत का कड़वा सच
हल्द्वानी: आज हम एक ऐसी मीठी आदत की बात करेंगे, जो जितनी मासूम दिखती है, उतनी ही खतरनाक है. हमारे घरों की रसोई में रखी चीनी वही सफेद चमक जो चाय में डालते ही दुनिया को मीठा कर देती है, मगर धीरे-धीरे हमारा शरीर, हमारा मन और हमारा स्वास्थ्य कड़वा कर जाती है. आप सोचिए, अगर सिर्फ 21 दिन तक आप इससे दूरी बना लें, तो क्या होगा? कहा जाता है कि चमत्कार फिल्मों में होते हैं, लेकिन इस बार चमत्कार आपके शरीर में होगा. सबसे पहले बात वजन की जिस पर पूरा देश, खानपान से लेकर राजनीति तक, बहस करता रहता है. मीठी चीजों में कैलोरी का ऐसा अंबार होता है कि पेट की चर्बी उसी में घर बना लेती है. लेकिन 21 दिन चीनी से दूरी और शरीर आपको जवाब देना शुरू कर देगा वजन हल्का होने लगेगा, सांसें आसान, और कपड़े भी थोड़े ढीले. इसके बाद बारी आती है ब्लड शुगर की. चीनी आपको पलभर के लिए ऊर्जा देती है, जैसे किसी भाषण में किए गए खोखले वादे जो शुरू में बड़े चमकदार लगते हैं, लेकिन कुछ ही देर में सब धड़ाम. चीनी कम करते ही यह ऊँच-नीच की राजनीति खत्म हो जाती है. भूख और चिड़चिड़ापन शांत होने लगता है. थकान कम होती है. शरीर स्थिर रहता है. फिर आता है त्वचा का सवाल, जो हर दर्पण के सामने खड़ा होता है. चीनी शरीर में सूजन बढ़ाती है, और वही सूजन चेहरे पर पिम्पल्स, दाग-धब्बे और फीकी चमक बनकर उभरती है. 21 दिन मीठा छोड़ देने पर त्वचा भी जैसे राहत की सांस लेती है ग्लो लौट आता है, और उम्र के निशान थोड़े थम जाते हैं. और मिठास की सबसे खतरनाक चाल लालसा, यानी बार-बार खाने की इच्छा. चीनी ऐसा जाल बिछाती है कि आप जितना खाते हैं, उसकी भूख उतनी ही बढ़ती जाती है. लेकिन 7 से 10 दिन मीठा न खाएं, तो शरीर धीरे-धीरे कहने लगता है बस, बहुत हुआ. दिमाग शांत होता है, लालसा कम होती हैं. और अंत में, मूड. जैसे खबरों की हलचल से हमारा मूड ऊपर-नीचे होता रहता है, वैसे ही चीनी भी ऊर्जा को ऊपर उठाकर पल में गिरा देती है. आप चिड़चिड़े, थके हुए, और कभी-कभी बिना वजह उदास हो जाते हैं. लेकिन 21 दिन बिना चीनी और ऊर्जा भी स्थिर, मूड भी संतुलित. तो सवाल यह नहीं है कि मीठा छोड़ना मुश्किल है. सवाल यह है कि क्या हम अपने शरीर को 21 दिन तक इतना समय दे सकते हैं कि वह हमें हमारा असली स्वास्थ्य लौटा सके? यही है आज की सबसे मीठी और सबसे जरूरी खबर.

